चुरू

डीबी अस्पताल को संक्रमण मुक्त बनाने में फिसड्डी साबित हो रहा प्रबंधन

अस्पतालों को संक्रमण मुक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार कायाकल्प कार्यक्रम चला रही है।

चुरूJan 14, 2018 / 12:31 pm

Rakesh gotam

government dedraj bhartiya hospital churu

चूरू
अस्पतालों को संक्रमण मुक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार कायाकल्प कार्यक्रम चला रही है। अस्पतालों को रुपए भी दिए जा रहे हैं। पिछले साल जिला अस्पताल को भी बतौर पुरस्कार तीन लाख रुपए मिले थे। लेकिन राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल का प्रबंधन अस्पताल को संक्रमण मुक्त बनाने में शायद रुचि नहीं ले रहा है। इसी का नतीजा है कै अस्पताल परिसर भवन के चारों ओर कहीं सीरवेज के नाले खुले पड़े हैं तो कहीं सीवरेज टैंक टूटा पड़ा है। लेकिन इन पर अस्पताल प्रबंधन की नजरे नहीं पड़ रही।
इससे अस्पताल का वातावरण दूषित हो रहा है। पत्रिका पड़ताल में अस्पताल में इस तरह कई समस्याएं सामने आई। अस्पताल प्रबंधन चार दीवारी का अधूरा कार्य पूरा नहीं करवा रहा है जिस कारण सीवरेज टैंक ओवरफ्लो हो जाता है। इस कारण एमसीएच ग्राउंड फ्लोर पर स्थित पुरुष शौचालय को बंद कर दिया गया है। ऐसे में यहां कार्य करने वाले पुरुष कार्मिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
फैल रही दुर्गंध


1. अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के मुख्य दरवाजे पर कई दिनों से सीवरेज का नाला खुला पड़ा है। इसके कारण दुर्गंध फैल रही है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसके प्रति ध्यान नहीं दे रहा है। दुर्गंध से मरीज व उनके परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है।
2. ट्रोम सेंटर के पास व दवा भंडारण केन्द्र के बगल सीवरेज कई महीनों से खुला पड़ा है। इससे भी संक्रमण फैल रहा है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसके निस्तारण के लिए स्थाई कदम नहीं उठा रहा।
3. महिला एवं शिशु अस्पताल भवन के गैस गोदाम के पास व आरसीएचओ कार्यालय के सामने सीवरेज नाला खुला पड़ा है। यहां ऑक्सीजन के सिलेंडर रखे व ट्रक में खाली सिलेंडर लोड किए जाते हैं। कभी हादसा हो सकता है। बदबू से लोग परेशान हैं।
4. अस्पताल के मुख्य गेट के पास बनाया नया सीवरेज छतिग्रस्त हो गया। वहां आस-पास दुकानों पर बैठने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीवरेज का पानी आए दिन ओवरफ्लो होकर सड़क पर बहता है।
5. महिला एवं शिशु अस्पताल भवन के गैस गोदाम के पास व आरसीएचओ कार्यालय के सामने सीवरेज नाला खुला पड़ा है। यहां ऑक्सीजन के सिलेंडर रखे व ट्रक में खाली सिलेंडर लोड किए जाते हैं। कभी हादसा हो सकता है। बदबू से लोग परेशान हैं।
6. अस्पताल के मुख्य गेट के पास बनाया नया सीवरेज छतिग्रस्त हो गया। वहां आस-पास दुकानों पर बैठने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीवरेज का पानी आए दिन ओवरफ्लो होकर सड़क पर बहता है।
7. महिला एवं शिशु अस्पताल व मदर मिल्क बैंक के पास सीवरेज टैंक क्षतिग्रस्त है। चारों तरफ संक्रमण फैल रहा है। सीवरेज टैंक जरूरत के मुताबिक नहीं बनने से जल्दी ओवरफ्लो हो जाता है। इसे खाली कराने के लिए हर माह हजारों रुपए खर्च हो रहे हैं। एनआरएचएम के अभियंताओं को कई बार पत्र लिखा गया लेकिन समाधान नहीं निकल रहा। चारदीवारी पर एंगल नहीं होने से बाहरी लोग अंदर घुस कर पेशाब करते हैं, जिससे गंदगी बढ़ती जा रही है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.