जहां पर मूंगफली का तेल व गोटे निकालने का काम शुरू हुआ है। दूसरी तरफ जिले में सरदारशहर एक नए औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित हो रहा है। रिको में पहले 295 प्लाट थे, जिसमें से सभी अलाट हो चुके हैं। इसे देखते हुए हाल ही में 252 प्लाट सृजित किए गए हैं, जिसमें से अबतक 11 प्लाट अलाट किए जा चुके हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चूरू की विषम जलवायु, खारे पानी के चलते प्रवासी निवेश करने में कतराते हैं। हालांकि विभाग की ओर से उद्योग स्थापित करवाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
स्टील प्लांट व ग्वार गम की लगेगी इकाई महाप्रबंधक जिला उद्यांग केन्द्र नानूराम गहनोलिया ने बताया कि आने वाले दिनों में तारानगर को औद्यागिक क्षेत्र के तौर पर विकसीत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में आने वाले दिनों में दो स्टील की फैक्ट्री स्थापित होगी। इसके अलावा सादुलपुर में भी ग्वार गम की दो इकाईयां स्थापित होने से लोगों को रोजगार मिला है। वहीं चूरू के पास दवाओं में काम आने वाली एक केमिकल की फैक्ट्री लगाया जाना प्रस्तावित है, इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। गहनोलिया ने बताया कि मूंगफली के अच्छे उत्पादन को देखते हुए आने वाले समय में बीदासर, सरदारशहर में ओर इकाईयां स्थापित होंगी। उन्होंने बताया कि समिट के दौरान कुल 57 एमओयू हुए थे, जिसमें सात इकाईयां स्थापित हो चुकी है। शेष रहे निवेेशकों के साथ वार्ता चल रही है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में ओर भी बडे समूह आएंगे।