जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवाराम सुथार ने बताया कि जिला प्रमुख सहारण के निलंबन के बाद रविवार को उप जिला प्रमुख सुरेन्द्र स्वामी को पंचायत राज के नियमानुसार जिला प्रमुख नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया था। लेकिन उनके कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही हाईकोर्ट ने पंचायत राज विभाग सचिव की ओर से जारी किए जिला प्रमुख सहारण के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। वहीं जिला प्रमुख का पदभार ग्रहण करवाने के मामले को लेकर सोमवार को जिला परिषद में नेताओं की घंटी गूंजती रही।
इधर, फर्जी अंक तालिका मामले में परिवादी चिमनाराम कारेल का कहना है कि शुक्रवार को ही सरकार ने जिला प्रमुख सहराण के निलंबन का आदेश जारी कर दिया था। लेकिन जिला परिषद प्रशासन ने जानबूझकर किसी दूसरे को जिला प्रमुख का चार्ज देने में देरी की। जिससे सहारण को कोर्ट से राहत मिल जाए। अन्यथा शनिवार व रविवार को कार्यभार ग्रहण करवाया जा सकता था। सोमवार को भी जिला प्रमुख के करीबी सीईओ के पास इस संबंध में चक्कर लगा रहे थे। निलंबन पर स्टे आने तक किसी दूसरे को चार्ज नहीं देने का दबाव भी बना रहे थे। जबकि प्रशासन के पास दो दिन का समय था लेकिन दबाव में कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं की। वहीं घांघू निवासी महावीर नेहरा ने जिला कलक्टर को शिकायत कर उप जिला प्रमुख सुरेन्द्र स्वामी को जिला प्रमुख नहीं बनाने की मांग की थी। शिकायत में लिखा कि सहारण की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने आदर्श आचार संहिता का उलंघन किया, उप जिला प्रमुख स्वामी ने भड़काऊ भाषण दिया। जबकि वे लोक सेवक के पद पर होते हुए पद का दुराचरण किया। इसलिए उन्हे भी जिला प्रमुख नियुक्त नहीं दिया जाए। चार्ज देने से पहले उनके कृत्यों की जांच की जाए।
निलंबन रोकने में हाईकोर्ट में पहले से चल रहा मामला बना बड़ा आधार
राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को चूरू जिला प्रमुख हरलाल सिंह सहारण के निलंबन पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने एक जून को राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 38 (4) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सहारण को जिला प्रमुख पद एवं जिला परिषद की सदस्यता से तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ ने सहारण की ओर से निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार व संबंधित पक्षकारों से जवाब तलब किया है। सहारण को आईजी स्पेशल टीम ने 19 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 48 घंटे से अधिक न्यायिक अभिरक्षा में रहने के कारण इस कृत्य के अपकीर्तिकर आचरण की श्रेणी में आने पर राज्य सरकार ने ये आदेश जारी किया था। राज्य सरकार ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जिला प्रमुख का चार्ज नियमानुसार किसी अन्य व्यक्ति को दिलवाने के निर्देश भी दिए थे। याची की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता मनीष सिसोदिया ने कोर्ट को बताया कि कथित फर्जी अंक तालिका का मामला चार साल पुराना है। इसकी पहले से भी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। लेकिन अब एफआईआर दर्ज कर परेशान करने की मंशा से यह कार्रवाई की गई है। उल्लेखनीय है कि चूरू सीजेएम कोर्ट के आदेश पर सहारण 22 मई से चूरू जेल में बंद थे, जिन्हें हाल ही में हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। सहारण पर आरोप है कि उन्होंने दसवीं की फर्जी अंकतालिका के आधार पर जिला परिषद का चुनाव लड़ा था, जिसे लेकर उनके खिलाफ जनवरी 2019 में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर चूरू कोतवाली में प्रकरण दर्ज हुआ।
पटाखों की चिनगारी से दुकान में आग
चूरू. जिला प्रमुख के निलंबन पर हाईकोर्ट की ओर से स्टे दिए जाने के बाद पार्टी पदाधिकारियों ने गढ़ चौराहे पर आतिशबाजी की। इस दौरान पास ही स्थित एक कपड़े की दुकान के ऊपर रखे कचरे में पड़ी चिनगारी भड़कने से आग लग गई। बाजार में धुआं उठता देख लोगों ने दुकानदार सुनील भाऊवाला को सूचना दी। बाद में पहुंची दमकल से आग पर काबू पा लिया गया।