चुरूPublished: Aug 02, 2021 11:15:40 am
Madhusudan Sharma
देश को कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाले जिले में खिलाड़ी कोच के अभाव में निराश बैठे हैं। एथलिटों सहित कई खेलों की तैयारी के लिए खिलाडिय़ों को कोच का इंतजार हैं।
बिना कोच कैसे पूरा हो पदक लाने का सपना
चूरू. देश को कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाले जिले में खिलाड़ी कोच के अभाव में निराश बैठे हैं। एथलिटों सहित कई खेलों की तैयारी के लिए खिलाडिय़ों को कोच का इंतजार हैं। करोंड़ों खर्च कर बनाए गए ट्रेक व कोर्ट सरकारी उदासीनता की भेंट चढ सूने पड़े हैं। इस मामले को लेकर खिलाडिय़ों की ये पीड़ा सामने आईकि अब बिना कोच कैसे पूरा होगा पदक लाने का सपना। वर्तमान में महज टेबिल टेनिस के लिए खेलो इंडिया योजना में दो कोच हैं। इसके अलावा किसी भी खेल के लिए कोई कोच नहीं है। खिलाडिय़ों का कहना है हम पूरी मेहनत कर रहे हैं, मगर जब कोई सिखाने वाला ही नहीं है तो खेलों के दांवपेच कैसे समझ में आएंगे। करीब 29 बीघा में बनें खेल स्टेडियम में तमाम तरह की सुविधाओं का दावा किया जा रहा है, मगर हकीकत कुछ और हैं। वर्तमान में यहां करीब 150 खिलाड़ी हैं, जिनमें से कुछ राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं की तैयारियां कर रहे हैं। सादुलपुर के लंबी कूद के दिव्यांग खिलाड़ी अर्जुन ने बताया कि सब कहते हैं पदक जीतो, देश के लिए खेलना चाहते हैं, मगर कोच ही नहीं है तो कैसे संभव होगा। सुविधाओं के नाम पर सब कुछ हमें ही करना पड़ता है। यहां पर केंटिन नहीं है, खिलाड़ी खुद ही अपनी डाइट तैयार करते हैं, खेलने व यहां पर रूकने के लिए पैसे देने पड़ते हैं। इधर, जिला खेल अधिकारी आइएस लांबा ने बताया कि कोच के लिए कईबार सरकार को पत्र भेजे गए हैं, हर बार आश्वासन मिला है कि जल्द कोच यहां भेज दिए जाएंगे। वर्तमान में कोच नहीं होने के कारण खिलाड़ी अपने स्तर पर ही अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पे एंड प्ले स्कीम में खिलाड़ी यहां खेलने के लिए आते हैं। स्टेडियम के रखरखाव पर हर माह करीब एक लाख रूपए खर्च होते हैं। सरकार की तरफ से इसके लिए कोई बजट नहीं आता, खिलाडिय़ों से मिलने वाले शुल्क से ही सब मेंटेन किया जा रहा है।
इन खेलों के लिए मौजूद हैं कोर्ट
जिला खेल अधिकारी ईश्वरसिंह लांबा ने बताया कि स्टेडियम में एथलिटों के लिए एक वर्ष पहले करीब 6 करोड़ 30 लाख की लागत से विश्व स्तरीय क्लास वन सिंथेटिक ट्रेक बनाया गया था। इस तरह का ये प्रदेश में पहला ट्रेक है।उन्होंने बताया कि यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का डेकोट्रफ टेनिस कोर्ट भी है, इसके अलावा 2 बास्केट बॉल कोर्ट हैं, जिनमें एक सिमेंटेड व एक कलर्ड सिंथेटिक है। 1 वालीबॉल के लिए क्ले कोर्ट है, 2 वुडन बैडमिंटन कोर्ट हैं। 4 कबड्डी के क्ले कोर्ट हैं, 2 सिंथेटिक मेट भी हैं सहित स्वीमिंग पूल व पीपीपी मॉड पर आर्चरी व शूटिंग रेंज भी मौजूद हैं।
डेढ साल बाद भी नहीं आई खेल सामग्री
खेल अधिकारी के मुताबिक गत वर्ष जनवरी में सिंथेटिक ट्रेक का उदघाटन करने केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजुजू आए थे। इस मौके पर उन्हें एथलिटों को तैयारी के लिए एक करोड़ की खेल सामग्री की जरूरत बताईथी। खेल मंत्री ने आसवाश्र दिया कि खेल सामग्री जल्द भिजवा दी जाएगी। अब डेढ साल बीत जाने के बाद भी खेल सामग्री नहीं आई है, जिसके चलतेे करोड़ों की लागत से बना विश्व स्तरीय ट्रेक सूना पड़ा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मेरे सहित एक कबड्डी की कोच व एक लिपिक है। इसके अलावा सरकारी तौर पर खेलों इंडिया के तहत 2 टेबिल टेनिस प्रशिक्षक हैं।
35 लाख खर्च करे, उगी महज खरपतवार
सिंथेटिक ट्रेक के बीच में 70 गुणा 105 मीटर की खाली जगह पर लॉन लगना था, इसके लिए बाकायदा 35 लाख का बजट भी था। ठेकेदार ने सारा भुगतान उठा लिया मगर लॉन नहीं लगाया। खेल अधिकारी ने आरोप लगाया कि लॉन लगाने के नाम पर ठेकेदार ने केवल खानापूर्ति की, नियमों के मुताबिक काम नहीं किया। टे्रक के लिए बनें नियमों के हिसाब से जमीन का समतलीकरण करवाने के बाद घास लगानी थी। मगर ठेकेदार ने उबड़ – खाबड़ मिट्टी डलवा कर घास लगाने की कोशिश की पर लगी नहीं। बद में काम छोड़कर बीच में ही चला गया। इसके कारण अभी तक हमें हैंडऑवर नहीं किया गया है। लॉन में घास के नाम पर महज खरपतवार उगी हुई है।
पैसे दो व खेलो
जिला खेल अधिकारी ने बताया कि स्टेडियम में पे एंड प्ले की सुविधा है। जिसमें खिलाड्ी को फीस देकर खेलने की तैयारी करनी होती है। उन्होंने बताया कि टेनिस व बास्केट बॉल की तैयारी के लिए स्टूडेंट को 300 व नॉन स्टूडेंट को 500 रूपए प्रतिमाह देने पड़ते हैं। टेबिल टेनिस व बैडमिंटन के लिए 10 वर्ष आयु के लिए 500, 25 तक 700 व उससे उपर के खिलाडिय़ों को 1000 रूपए देने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि सिंथेटिक ट्रेक पर तैयारी करने वाले एथलिटों को 300 से 1000 रु. देने पड़ते हैं व एंट्री फीस के लिए 500 खर्च करने होते हैं। खेल अधिकारी के अनुसार स्टेडियम में रहने की सुविधा भी है। वर्तमान में 26 कमरें हैं, जिनमें खिलाड़ी रह रहे हैं। इनका किराया एक हजार रूपए प्रतिमाह है। उन्होंने बताया कि स्टेडियम में खिलाडिय़ों के लिए केंटिन को छोड़कर सभी तरह की सुविधाएं हैं।