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चूरू की नन्हीं परी हेतल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में, जानिए क्यों…

India Book Of Records: छह साल की मासूम हेतल ने इस नन्हीं उम्र में भी जो ठान लिया, सो ठान लिया।

चुरूFeb 13, 2020 / 09:53 pm

Brijesh Singh

चूरू की नन्हीं परी हेतल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में, जानिए क्यों…

चूरू. चूरू की नन्हीं बच्ची हेतल ने वह काम कर दिखाया है, जिसे करने का लोग दम तो भरते हैं, लेकिन उनमें इतनी लगन नहीं होती कि उस काम को वह अंजाम तक पहुंचा सकें। लेकिन छह साल की मासूम हेतल ने इस नन्हीं उम्र में भी जो ठान लिया, सो ठान लिया। उसने अनोखे ढंग से राष्ट्रपिता मोहनलाल करमचंद गांधी को अपनी ओर से श्रद्धासुमन अर्पित करने का फैसला किया और कुछ ऐसा कर डाला कि उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) में दर्ज हो गया।

नन्ही हेतल परी का राष्ट्रीय रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स में दर्ज हो गया है। अपने सहपाठियों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर जारी डाक टिकट आकर्षक फ्रेम में भेंटकर गांधी जी की 150वीं जन्म जयंती समारोह पूर्वक की अनूठी सहशैक्षणिक गतिविधि के लिए हेतल परी सेन इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड धारी बन चुकी है। पाबूजी धाम आर्ट गैलरी संस्थापक एवं प्रेरक संगमानंद ने बताया कि वार्ड 34 निवासी सोनू सेन तथा हरी किशन सेन की 6 वर्षीय बेटी हेतल परी ने विद्यालय किड्स होम में 21 अक्टूबर 2019 को 300 से भी अधिक सहपाठियों को गांधीजी की प्रेम युक्त डाक टिकट भेंट कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था उसको इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल कर प्रमाण पत्र भी दिया है। जिसके साथ आईडी भेज, कलम, स्टीकर भी हेतल परिषद को मिला है।

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