चुरूPublished: Dec 02, 2020 10:12:22 am
Madhusudan Sharma
कहते हैं कि मन में जज्बा हो तो हर मुश्किले आसान हो जाती है। ये बात गोपालपुरा की महिलाओं पर सटीक बैठती है। ये एक छोटा सा गांव है पर यहां की महिलाओं की सोच बहुत बड़ी है।
घूंघट की ओट छोड़ वन संपदा से बना रही हैंडीक्राफ्ट सामान
सुजानगढ़ (ग्रामीण). कहते हैं कि मन में जज्बा हो तो हर मुश्किले आसान हो जाती है। ये बात गोपालपुरा की महिलाओं पर सटीक बैठती है। ये एक छोटा सा गांव है पर यहां की महिलाओं की सोच बहुत बड़ी है। परंपरा मेंं बंधी महिलाओं ने घूंघट की इस ओट का छोड़कर समाज के सामने ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है जिसका आज कोई सानी नहीं है। ग्रामीण परिवेश की इन महिलाओं ने 5 सालों से आसपास क्षेत्र से घास फूस और वनस्पति एकत्रित कर उन्हें आकार देने मेें जुटी हुई है। गांव रामपुर, सूरवास गोपालपुरा की 60 महिलाएं हैंडीक्राफ्ट का सामान बनाती हैं। इनके बनाए सामान की देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मांग बढ़ी है। इस काम में जुटी महिलाओं का कहना है कि सामान बेचकर हो रही आमदनी से घर के आर्थिक हालात सुधरे हैं। ऐसे में अपने बच्चों को अब बेहतर तालीम दिलवा रही है। इस काम में जुटी 48 वर्षीय महिला विद्या ने बताया कि राजस्थान की लोक संस्कृति में काम आने वाला रोजमर्रा का घरेलू सामान बनाना तो पहले भी आता था, परंतु इस कला को किसी ने पहचाना नहीं। सरपंच सविता राठी की पहल पर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य के चलते शुरू किया गया यह काम अब हमारे जीवन का अनमोल हिस्सा बन गया है।
5 साल पहले शुरु हुआ सफर
गांव की 20 महिलाओं ने घास फूस व आसपास की वनस्पति को एकत्रित कर यह हथकरघा का काम शुरू किया था। धीरे -धीरे गांव रामपुर व सूरवास की 40 महिलाएं इनसे जुड़ गर्इं। अब और भी महिलाएं घूंघट त्याग कर इनके संगठन से जुड़ रही हैं। महिला संतोष कहती हैं कि बस एक ही मकसद है। शहरों की तरह ग्रामीण महिलाएं भी स्वावलंबी बने और अच्छा जीवन जीएं।
देश – विदेश में है मांग
गोपालपुरा गांव के तालछापर कृष्ण मृग अभयारण्य के समीप होने के कारण यहां आने वाले देशी – विदेशी पर्यटक इनके बनाए सामान को खरीदते हैं। वहीं दिल्ली, जयपुर कोलकाता, असम व हैदराबाद सहित कई राज्यों में ये महिलाएं अपनी एग्जीबिशन लगाती हैं। वनस्पति से बने सामान को लोगों को बहुत पसंद आता है।एकत्रित करती हैं वनस्पतिगोपालपुरा गांव के आसपास क्षेत्र में कई तरह की वनस्पतियां पाई जाती हैं। हैंडीक्राफ्ट्स का सामान बनाने के लिए ये महिलाएं बेमो घास, अलाई की जड़, आक की जड़, कच्चा सूत, जूट व सुतली सहित सरकंडे व कूंचे की घास को काम में लेती हैं। इन सबको डाईंग व कलर प्रोसेस से तैयार करने के बाद कंगन, टोकरी, परदे, लटकन, ट्रे, दरियां, मेजपोश व इंडोणी सहित कई तरह का घरेलू उपयोगी सामान बनाती हैं।