दरअसल जिले सहित शहर में लूट, चोरी व अन्य संगीन जैसे काफी मामले सामने आए हैं। अपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोग शहर में किराए का मकान लेकर रहते हैं, बाद में मौका देखकर अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। शहर में बाइक चोरी की वारदात भी पिछले महीनों में बढ़ रही है। कई मामलों में पीडि़त पक्ष की ओर से सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराई गई है, लेकिन आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे हैं। जानकारों की माने तो शहर में साल दर साल आबादी बढ़ रही है, जो कि मकान मालिकों के लिए आमदनी का जरिया बन गया है। बाहरी राज्यों व जिलों से हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां आकर किसी न किसी क्षेत्र में कार्यरत है। इन कर्मचारियों की आड़ में अपराधिक गतिविधियों की मानसिकता रखने वाले अनजान चेहरे भी जगह बना लेते हैं।
सिर्फ कागजी सर्वे
पूर्व में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर किराएदारों की पहचान के लिए सर्वे करने के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन यह अभियान केवल कागजों में ही सिमट कर रह गया। पुलिसकर्मियों का कहना है कि आमजन का दायित्व है कि किराएदार रखने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेकर संबंधित थाने को उपलब्ध कराए, ताकि कोई वारदात होने पर व्यक्ति की पहचान में आसानी हो सके। लेकिन मकान मालिक इसमें लापरवाही बरतते हैं, जिसका बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है।