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लॉकडाउन: शटर में बंद शामियाने, अब बेच रहे सब्जी

locationचुरूPublished: Jun 17, 2020 08:43:55 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

नोटबंदी के बाद जैसे-तैसे व्यापार ने गति पकड़ी थी, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण में टैंट व्यवसाय को पूरी तरह से खत्म करके रख दिया है। हालत यह है कि 22 मार्च के बाद दुकानों के शटर नहीं खुलने से शामियाने धूल फांक रहे हैं।

लॉकडाउन: शटर में बंद शामियाने, अब बेच रहे सब्जी

लॉकडाउन: शटर में बंद शामियाने, अब बेच रहे सब्जी

चूरू. नोटबंदी के बाद जैसे-तैसे व्यापार ने गति पकड़ी थी, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण में टैंट व्यवसाय को पूरी तरह से खत्म करके रख दिया है। हालत यह है कि 22 मार्च के बाद दुकानों के शटर नहीं खुलने से शामियाने धूल फांक रहे हैं। ढाई माह के दौरान इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। टैंट व्यवसायी गौरीशंकर शर्मा ने बताया कि मार्च से जून माह के बीच सावों को भरपूर सीजन रहता है। पहले टैंट व्यवसाय से जुड़े लोगों को इन दिनों फुर्सत तक नहीं मिलती थी। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते दुकानें पूरी तरह से बंद रही। उन्होंने बताया कि अकेले चूरू शहर में टैंट की छोटी-बड़ी 70 दुकानें है। जिनके शटर पूरी तरह से लॉकडाउन रहे। शर्मा ने बताया कि टैंट व्यवसाय को सर्वाधिक कमाई सावों के सीजन में हुआ करती है। इस व्यवसाय से हलवाई, बैंड, डीजे, डेकोरेशन, ट्रेवल्स व्यवसाय भी जुड़ा हुआ है। जो करीब दो माह से बेरोजगार बैठे हुए हैं, इन परिवारों के सामने परिवार को पालन-पोषण की समस्या हो रही है। उन्होंने बताया कि जून माह में शादियों के मुहूर्त है, लेकिन सरकार की गाइड लाइन के चलते शादी समारोह को लेकर कई तरह की पाबंदिया लगा दी है। ऐसे में आने वाले दो से तीन साल तक व्यवसाय में कोई भविष्य नहीं है। लोग भी अब खर्च को लेकर सोचने पर मजबूर हो गए हैं। रुपए होते हुए खर्च में सोचने लगे हैं।
परिवार पालने के लिए सब्जी बेचना किया शुरू
शर्मा ने बताया कि टैंट का व्यवसाय मंदा होने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने परिवार पालना मुश्किल हो गया है। बदलते समय को देखते हुए उन्होंने सब्जी बेचना शुरू कर दिया है। ऐसे कई लोग हैं जो कि लगातार व्यवसाय बदलने के लिए सोचने लग गए हैं।
जिले में करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान
उन्होंने बताया कि शादियों के सीजन में एक टेंट व्यवसायी को करीब तीन से पांच लाख रुपए की आमदनी हो जाया करती थी। शहर में करीब 70 दुकानें है। जिले की बात करें तो टैंट व्यवसाय से करीब चार सौ लोग जुड़े हुए हैं। इन्हें मिलाकर शादियों के सीजन में करीब 15-20 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हुआ है। पाटील ने बताया कि जनवरी-फरवरी माह के दौरान टेंट व्यवसायियों ने नए माल का ऑर्डर दिया था। इसके लिए एडवांस रुपए भी दिए थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते माल अटक गया है। ऑर्डर के लिए एडवांस दिए रुपए फर्म लौटा नहीं रहे हैं।
हलवाई, पंडित, बैंड वादक बेरोजगार
उन्होंने बताया कि टेंट व्यवसाय से हलवाई, पंडित, फोटोग्राफर, बैंड वादक आदि लोग जुड़े हुए हैं। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान काम नहीं मिलने से सभी लोग बेरोजगार हो चुके हैं। सरकार की पाबंदियों के कारण इस व्यवसाय को वापस पैर जमाने में करीब दो से तीन साल का वक्त लग सकता है।

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