चुरूPublished: Apr 03, 2021 11:50:30 am
Madhusudan Sharma
रतनगढ़ से पांच किमी दूर निर्माणाधीन राज्य राजमार्ग 07 पर स्थित है गांव लूंछ। करीब साढ़े चार सौ साल पहले बसा लूंछ लगभग 4500 की आबादी वाला गांव है।
गन्दे पानी की निकासी की समस्या से ग्रस्त लूंछ गांव
रतनगढ़. रतनगढ़ से पांच किमी दूर निर्माणाधीन राज्य राजमार्ग 07 पर स्थित है गांव लूंछ। करीब साढ़े चार सौ साल पहले बसा लूंछ लगभग 4500 की आबादी वाला गांव है। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि लूंछ का नाम लच्छुराम श्योराण के नाम पर पड़ा है। कहा जाता है कि सबसे पहले लच्छुराम श्योराण अपने कुटुम्ब के साथ यहां आकर रहने लगे थे, बाद में सिण्डोलिया ब्राह्मण, मिषण खाती, फूलभाटी नाई व गोदारा आए, इसके बाद लगभग सभी जातियां आ बसीं। गांव लूंछ पंचायत मुख्यालय है। जिसमें लूंछ, देराजसर, कानसुजिया ढ़ाणी, गुसांईसर व रघुनाथपुरा गांव शामिल हैं। रतनगढ़ के नजदीक होने व सालासर रोड़ पर स्थित गांव लूंछ में आवागमन की बेहतर सुविधाएं है। गांव में सुविधाओं के नाम पर राउमावि, पशु चिकित्सा केंद्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं। निरंजन जांगिड़ ने बताया कि गांव में मुख्य आकर्षण का केन्द्र गोगामेड़ी है, जहां मेला लगता है तथा दूर-दूर के गांवों के लोग गोगाजी का निशान लेकर पहुंचते हैं। गांव के गुवाड़ में जमा गंदा पानी गांव की एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण गांव के लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। लूंछ के सरपंच संपतलाल नायक ने बताया कि गन्दे पानी की निकासी के लिए एक योजना बनाकर ग्रामवासियों की सहमति से पाइप लाइन डालकर सम्पवैल बनाया जाना प्रस्तावित है।
यहां के लोग खेती पर निर्भर
महेन्द्र श्योराण ने बताया कि गांव में खेती जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है। लोग पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं व शहर नजदीक होने से बड़ी संख्या में लोग शहर जाकर मजदूरी करते हैं। गांव में पीने के पानी की समस्या रहती है और रतनगढ़ से पेयजल सप्लाई होती है। आपणी योजना का भी पानी गांव में आता है। पिछले कुछ सालों से गांव में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार हुआ है व युवाओं का सरकारी नौकरियों के प्रति रुझान बढ़ा है। गत तीन सालों में करीब 15 युवा सरकारी नौकरी में लगे हैं। गांव में खेल मैदान की कमी है जिसके कारण सेना में जाने की तैयारी करने वाले युवाओं को निराश होना पड़ता है। सरपंच नायक ने बताया कि गांव में धार्मिक मान्यता के तहत गोगामेडी, करणी माता मन्दिर, ठाकुरजी मन्दिर, शिवालय व काली माता का मन्दिर धार्मिक स्थल हैं।