चूरू. हर साल चूरू के युवा देश की रक्षा करते शहीद हो रहे हैं। लेकिन यहां के युवाओं में दिनों-दिन सेना में जाने का जज्बा बढ़ता ही जा रहा है। हर साल 20 से 25 हजार युवा सेना व सीआरपीएफ में भर्ती होने के लिए रैलियों में भाग लेते हैं। करीब छह साल में जिले के पांच जांबाज शहीद हो गए। इसमें तीन सेना व दो सीआरपीएफ के सिपाही व अधिकारी शामिल हैं। गौरतलब है कि शहीदों में एक ही नाम (राजेन्द्र) के तीन जांबाज शामिल हैं।
राजेन्द्र सिंह पूनिया : राजगढ़ तहसील के गांव सरदारपुरा निवासी सेना में नायक सूबेदार राजेन्द्र ंिसंह ऑपरेशन रक्षक 2012 में 22 रवरी 2012 को जेएनके में शहीद हो गए थे।
जितेन्द्र सिंह राठौड़ : चूरू तहसील के गांव थैलासर निवासी सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडर जितेन्द्र सिंह राठौड़ नक्सल विरोधी अभियान 2015 के दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में 25 अप्रेल 2015 को शहीद हो गए थे।
राजेन्द्र सिंह : सुजानगढ़ के गांव राजियासर मीठा निवासी लांस नायक राजेन्द्र सिंह जम्मू एंड कश्मीर में चलाए जा रहे ऑपरेशन रक्षक में 30 अगस्त 2016 को गोली लगने से शहीद हो गए।
ईश्वरसिंह : राजगढ़ तहसील के गांव मूंदीताल निवासी लांस नायक ईश्वरसिंह जम्मू एंड कश्मीर में चलाए जा रहे ऑपरेशन रक्षक में 12 नवंबर 21016 में शहीद हो गए।
राजेन्द्र नैण : रतनगढ़ तहसील के गांव गौरीसर निवासी सीआरपीएफ में सिपाही राजेन्द्र नैण 31 दिसंबर 2017 को साल के आखिरी दिन फिदायीन हमले (आत्मघाती आतंकी हमले) में शहीद हो गए।