scriptशहीद राजेन्द्र का पार्थिव देह दिल्ली से चूरू के लिए रवाना, गौरीसर में पसरा सन्नाटा | martyr rajendra in gaurisar churu | Patrika News

शहीद राजेन्द्र का पार्थिव देह दिल्ली से चूरू के लिए रवाना, गौरीसर में पसरा सन्नाटा

locationचुरूPublished: Jan 01, 2018 10:50:46 pm

Submitted by:

Rakesh gotam

शहीद के पिता बोले जीवनभर खलेगी राजेन्द्र की कमी, लेकिन गर्व है बेटे ने देश के लिए दी कुर्बानी

martyr rajendra in gaurisar churu

martyr rajendra in gaurisar churu

चूरू/रतनगढ़. शहीद राजेन्द्र नैण (26) के गांव गौरीसर में सोमवार को शोक का माहौल रहा। परिजन व रिश्तेदार राजेन्द्र की याद में बिलख रहे थे। पूरे गांव के लोग स्तब्ध थे। सभी राजेन्द्र के पार्थिव देह के आने का इंतजार रहे थे। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को ढांढ़स बधाया। वहीं, राजेन्द्र के पिता सहीराम नैण ने कहा कि राजेन्द्र की कमी उसे जीवन पर तड़पाएगी। लेकिन उसे गर्व है कि उसका बेटा देश की रक्षा के लिए शहीद हो गया।

हेलीकॉप्टर से दिल्ली लाए शहीद का पार्थिव देह

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कमांडो ट्रेनिंग सेंटर पर शनिवार रात हुए फिदायीन हमले में सिपाही राजेन्द्र शहीद हो गया था। कागजी कार्रवाई के बाद हेलीकॉप्टर से राजेन्द्र के पार्थिव देह को सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना किया गया। हेलीकॉप्टर करीब साढ़े चार बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा। एअरपोर्ट पर शहीद के पार्थिव देह पर सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर वहां से शाम को विशेष वाहन से गौरीसर (रतनगढ़) के लिए रवाना किया। जिला कलक्टर ललित कुमार गुप्ता व सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर रामकुमार कस्वां ने बताया कि मंगलवार सुबह राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा।

संदेश सुनाते वक्त छलके एसडीएम के आंसू

एसडीएम संजू पारीक शहीद के पिता सहीराम को संदेश सुनाते समय भावुक हो गई। एसडीएम के भी आंसू बह निकले। लेकिन उन्होंने पिता को ढांढ़स बंधाया। शहीद की बहन ज्योंही घर पहुंची तो वहां का माहौल देख बिलख पड़ी। इसके कुछ ही देर बाद पत्नी दो साल की बेटी मिष्ठा के साथ ससुराल पहुंची। माहौल देख वह चीखने लगी। महिलाओं ने उसे संभालकर घर के अंदर पहुंचाया। गांव में चूल्हे तक नहीं जले।

पहुंचे जनप्रतिनिधि व अधिकारी


शहीद के परिजनों को गांव पहुंचकर ढांढ़स बंधाने वालों में पुलिस उप अधीक्षक नारायणदान बारहट, थानाधिकारी अरविन्द भारद्वाज, प्रधान गिरधारीलाल बांगड़वा, जिप सदस्य नरेश गोदारा, कांग्रेस नेता पूसाराम गोदारा, सुरेन्द्र हुड्डा आदि बहुत से लोग थे। पार्थिव देह आने के इंतजार में लोग रात भर शहीद के घर बैठे रहे।
अजमेर से आए सीआरपीएफ सिपाही


राजेन्द्र की राजकीय सम्मान से मंगलवार को अंत्येष्टि की जाएगी। सलामी देने के लिए अजमेर से कमांडेन्ट रामकुंवर के नेतृत्व में 15 सीआरपीएफ जवानों की टीम रतनगढ़ पहुंच चुकी है।
ढाई साल की बेटी मिष्ठू को कुछ नहीं पता

राजेन्द्र करीब तीन वर्ष पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। सीआरपीएफ की १३० बी बटालियन श्रीनगर में तैनात था। कुछ समय के लिए उसकी ड्यूटी गुडग़ांव भी लगी थी। राजेन्द्र की शादी चार वर्ष पहले चुआस (फतेहपुर) की प्रियंका के साथ हुई थी। उसके ढाई साल की बेटी है मिष्ठू। परिजनों को बिलखते देख बेटी घबराई हुई है।
सीआरपीएफ में गांव का इकलौता युवक था

रिश्तेदार मित्र राकेश ने बताया कि राजेन्द्र सीआरपीएफ में भर्ती होने वाला गांव का अकेला युवक था। १०वीं के बाद से ही उसकी सेना में जाने की इच्छा थी और शादी के कुछ महीने बाद ही सीआरपीएफ में भर्ती हो गया। वह अन्य युवाओं को भी सेना व सीआरपीएफ में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता था।
परिवारजन करते हैं खेती


राजेन्द्र के पिता सहीराम खेती करते हैं। माता सावित्री देवी गृहणी है। राजेन्द्र से बड़े दो भाई भागीरथ व जैनाराम हैं जिनमें से भागीरथ दुबई में श्रमिक का कार्य करता है। वह भी घर आया हुआ है। दूसरा भाई पिता के साथ कृषि में हाथ बंटाता है। बड़ी बहन इमरता व छोटी बहन शारदा है। परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। केवल राजेन्द्र सरकारी नौकरी में था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो