सीआरपीएफ सिपाही शहीद राजेन्द्र नैण की पार्थिव देह मंगलवार सुबह रतनगढ़ तहसील के गांव गौरीसर पहुंची। सेना के ट्रक से ताबूत उतारते देख परिजन चीख-चीख कर रोने लगे। घर में कोहराम मच गया। परिजनों का करुण क्रंदन देख मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। पूरा गांव गमगीन हो गया। लाडले राजेन्द्र की अंतिम यात्रा में पूरा गांव उमड़ पड़ा।
गौरीसर निवासी सहीराम नैण के घर चार सितंबर १९८९ को राजेन्द्र नैण का जन्म हुआ। राजेंद्र की शादी करीब चार वर्ष पहले फतेहपुर के गांव चुवास की प्रियंका से हुआ। उसके ढाई साल की बेटी मिष्टी है। 03 जनवरी 2015 को सीआरपीएफ में नियुक्ति मिली। राजेन्द्र की अंतिम यात्रा लेकर जाते जनप्रतिनिधि व लोग
राजेन्द्र की अंतिम यात्रा लेकर जाते देवास्थान मंत्री राजकुमार रिणवा व अभिनेष महर्षि
शहीद राजेन्द्र के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित करते सीआरपीएफ के अधिकारी।
ढाई साल की जो बेटी 22 दिन पहले पिता राजेन्द्र की गोद में खेल रही थी वही मंगलवार को पिता को दी मुखाग्नि
चूरू. गौरीसर गांव में शहीद राजेन्द्र नैण के पार्थिव देह को सलामी देते सीआरपीएफ के सिपाही।
गांव गौरीसर में जलता राजेन्द्र का पार्थिव देह
चूरू. गौरीसर गांव में शहीद राजेन्द्र नैण के शव देख कर रोती पत्नी।
चूरू. गौरीसर गांव में शहीद राजेन्द्र नैण के शव देख कर रोती बहन।
चूरू. गौरीसर गांव में शहीद राजेन्द्र नैण के शव देख कर रोती मां।
चूरू. गौरीसर गांव में शहीद राजेन्द्र नैण के शव देख बेसुध हुआ पिता सहीराम नैण।
चूरू. गौरीसर गांव में शहीद राजेन्द्र नैण के पार्थिव देह को देख कर रोता भाई।
हाफिज सईद का पुतला फूंका : इस दौरान युवाओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। अंत्येष्टि के बाद युवकों ने श्मशान के बाहर पाकिस्तान एवं हाफिज सईद का पुतला भी फूंका।