scriptप्रवासियों ने बदली क्वॉरंटीन सेंटरों की सूरत | Migrants change the appearance of quarantine centers | Patrika News

प्रवासियों ने बदली क्वॉरंटीन सेंटरों की सूरत

locationचुरूPublished: May 22, 2020 01:43:34 pm

Submitted by:

Madhusudan Sharma

कोरोना संक्रमण काल के दौरान पिछले दिनों दर्जनों की संख्या में प्रवासी पैतृक गांवों को लौटने पर मजबूर हो गए थे। सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से गांव व शहरों में बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में उन्हें क्वारंटीन किया गया।

प्रवासियों ने बदली क्वॉरंटीन सेंटरों की सूरत

प्रवासियों ने बदली क्वॉरंटीन सेंटरों की सूरत

केस एक
जसवंतगढ़ के गांव भिडासरी के राउप्रावि में पांच युवकों को क्वॉरंटीन किया गया था। सभी लोग दूसरे जिलों में मेहनत व मजदूरी करते थे, लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ा। ऐसे में उन्होंने समय व्यतीत करने के लिए रंग-रोगन करने की इच्छा जाहिर की। इस पर सरपंच की ओर से रंग की व्यवस्था की गई। इसके बाद क्वारंटीन किए गए व्यक्तियों ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्य शुरू कर दिया। इनका ये कार्य प्रेरणास्पद रहा।

केस दो
तारानगर के कोहिणा गांव के राउमावि में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी लोग खाली समय का सदुपयोग कर विद्यालय का रूप निखारने में लगे हुए हंै। सेंटर में रुके प्रवासी खाली समय में विद्यालय परिसर में पेड़-पौधों को पानी देने के साथ दूब उगाकर विद्यालय में उद्यान विकसित करने में जुटे हुए हैं, ताकि विद्यालय का सौंदर्यीकरण बढ़ सके। प्रवासियों को गांव का युवा शंकरलाल नाई दूब उपलब्ध करवा रहा है।

चूरू. कोरोना संक्रमण काल के दौरान पिछले दिनों दर्जनों की संख्या में प्रवासी पैतृक गांवों को लौटने पर मजबूर हो गए थे। सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से गांव व शहरों में बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में उन्हें क्वारंटीन किया गया। समय काटने के लिए प्रवासियों ने हुनर से सेंटरों का रंग-रूप ही बदल दिया। किसी ने रंग-रोगन शुरू किया, किसी ने चित्रकारी व श्रमदान कर समय का सदुपयोग कर स्वयं को तनाव मुक्त रखा। वहीं स्कूल में होने वाले खर्चे को भी बचाया गया। इधर, राजलदेसर के राजकीय अम्बेडकर छात्रावास के क्वारंटीन सेंटर में युवकों ने फर्नीचर व डबल बैड तैयार कर उपतहसील कार्यालय के लिए नायब तहसीलदार सुभाष कुल्हरी को सौंपा । फर्नीचर व डबल बैड के सामान की अनुमानित 20 हजार युवकों ने वहन की।
युवकों ने किया समय का सदुपयोग
सादुलपुर. जाहरवीर गोगाजी की जन्मस्थली ददरेवा में कोरोना संकट के दौरान दूसरे शहरों में काम करने वाले युवक लौटकर गांव पहुंचे तथा सरकार के आदेशों की पालना की क्वारंटीन सेंटर में रहकर लोगों को कोरोना से बचाव का संदेश दिया। यही नहीं क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले युवक खाली का सदुपयोग कर राउमावि में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर श्रमदान कर सफाई की तथा विद्यालय को सौंदर्यकरण करने में जुटे हैं। गांव के ही सामाजिक कार्यकर्ता रमेश राजपुरोहित ने बताया कि प्रशासन की ओर से राउमावि में कोरोना वायरस अन्तर्गत क्वारंटीन सेंटर बनाया गया था तथा क्वारंटीन सेंटर मे रहने वाले युवक एवं व्यक्ति खाली समय में विद्यालय परिसर में साफ- सफाई तथा पेड़-पौधों की खरपतवार हटाकर पानी डालने, कमरों की सफाई करने तथा पक्षियों के लिए परिण्डे लगाने, पानी डालने तथा विद्यालय में दिन में दो बार सैनेटाइजर करने जैसे काम कर विद्यालय का रखरखाव कर रहे हैं। राजपुरोहित ने बताया कि इसके अलावा गांव की ओर से भी चलाई जा रही जनता रसोई के माध्यम से क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले लोगों को सुबह-शाम का भोजन, चाय-पानी, नाश्ता की व्यवस्था की है। इन लोगों की ओर से किए जा रहे हर व्यक्ति की ओर से प्रशंसा की जा रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो