सभापति ने फौरन ही अपने निजी गार्ड़ को बुलवा कर खुली और जूठी बोतलों में पानी वितरण का क्रम रुकवाया, लेकिन इसी दौरान इस बात की भनक पार्षदों को लग गई, तो उन्होंने इस मुद्दे को उठाया और कोरोना काल में इस तरह की लापरवाही पर घोर चिंता जताई। सभापति ने जैसे-तैसे बात को संभाला और पार्षदों को यह कह कर शांत किया कि वे मामले को दिखवाएंगी। बहरहाल, कोरोना के इस संक्रमण काल में इस तरह का घटना की चर्चा दिन भर रही।
बैठक के बाद में सभापति ने माना कि यह गलत हुआ। वे इसके लिए जवाब तलब करेंगी और आइंदा ऐसा न हो, उसकी पुख्ता व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि वैसे भी प्लास्टिक की बोतलों में पानी पर हमने पाबंदी कर रखी है, लेकिन पिछली बैठक में बोतलबंद पानी की मांग उठी थी, शायद इसलिए यह व्यवस्था की गई थी।