शहीद के नाम नहीं हुआ स्कूल का नामकरण
वीरांगना लगा रही अधिकारियों के पास चक्कर, नहीं हो रही सुनवाई

घांघू.
गांव घांघू की एक वीरांगना सात साल से अपने शहीद पति के नाम से विद्यालय का नामकरण कराने के लिए सरकारी तंत्र के चक्कर लगा रही है। लेकिन अधिकारियों ने आज तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।गौरतलब है कि राजेश फगेडिय़ा सियाचीन ग्लेशियर वन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान 28 जनवरी 2011 को शहीद हुए थे। लेकिन आज तक शहीद के नाम से स्कूल का नामकरण नहीं किया गया।
वीरांगना मधु फगेडिय़ा ने गांव के राजकीय विद्यालय का नामकरण शहीद राजेश फगेडिय़ा के नाम से करने के की मांग की थी। वे इसके लिए लगातार सात वर्ष से प्रयास कर रहे हैं लेकिन लेकिन इस तरफ न तो ग्राम पंचायत ध्यान दे रही न ही प्रशासन।
वीरांगना तथा शहीद के परिवार की ये पीड़ा तब छलक कर सामने आई जब रविवार को राजस्थान सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर शहीदों व उनके आश्रित परिवार के सम्मान की यात्रा में घांघू के शहीद राजेश फगेडिया व वीरांगना तथा आश्रितों का सम्मान कर रहे थे। शहीद के परिजनों का कहना था कि बाजौर शहीदों के परिवारों के सम्मान में उनकी देहरी तक जा रहे हैं। उनकी ये पहल बहुत ही स्वागत योग्य है लेकिन उनकी ये कवायद तब फीकी पड़ती नजर आ रही है जब शहीद परिवार अपनी मांग को लेकर सरकारी तंत्र के ढीले रवैया के शिकार है। शहीदों के सम्मान में जो कार्य तुरंत होना चाहिए उसमें सरकारी तन्त्र बरसों लगा देता है और शहीदों के परिजन भटकते रहते हैं।
अपने खर्चे से करवाया मूर्ति व स्मारक का निर्माण
शहीद परिवार ने अपने खर्चे से शहीद की मूर्ति और स्मारक का निर्माण करवाकर 31 अगस्त को सांसद राहुल कस्वां से अनावरण करवाया था। उस वक्त भी सांसद से शहीद के नाम से विद्यालय का नामकरण करने की मांग की गई थी। आज भी शहीद के नाम से विद्यालय के नामकरण नहीं हो पाया है।
वास्तविक सम्मान से वंचित
सेना से सेवानिवृत्त शहीद के पिता रामलाल फगेडिय़ा ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि हमें शाल ओढ़ाकर बहुत बार सरकारों
और सस्थाओं ने सम्मानित किया है लेकिन शहीद और परिजन वास्तविक सम्मान से वंचित हैं। वास्तविक
सम्मान तब होगा जब शहीद राजेश के नाम से विद्यालय का नामकरण होगा। वहां विद्यार्थी शहीद की देश सेवा से प्रेरणा
ले सकेंगे।
वीरांगना ने कहा यह कैसा सम्मान
वीरांगना मधु के प्रति सम्मान व संवेदनशीलता भी नहीं दिखाई। करीब दो वर्ष वीरांगना का स्थानान्तरण अपने घांघू के विद्यालय से अन्य स्थान पर कर दिया गया। इसके विरुद्ध वीरांगना ने उच्च न्यायालय जोधपुर से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया। उसे आज तक स्थानान्तरण आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई लडऩी पड़ रही है।
शहीदों के नाम से विद्यालय के नामकरण के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। जिले में जितने शहीद हैं उनके नाम से विद्यालय का नामकरण कर शहीदों और शहीद परिवार को सम्मान दिया जाए। शहीदों के सम्मान में अनदेखी नहीं होगी।
राहुल कस्वां, सांसद चूरू
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