मतदान में दिखाया उत्साह
शराबबंदी के लिए ग्रामीणों का उत्साह देखते ही बन रहा था। सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ। इस दौरान महिलाओं ने काफी उत्साह दिखाया। फोगां में मतदान को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बनाए चार बूथों पर ग्रामीणों ने शराब बंद किए जाने को लेकर वोट डाले। मतदान की प्रक्रिया एसडीएम मूलचन्द लूणिया व तहसीलदार एवं पीठासीन अधिकारी बीरबलनाथ सिद्ध की देखरेख
में हुई।
शराबबंदी के लिए ग्रामीणों का उत्साह देखते ही बन रहा था। सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ। इस दौरान महिलाओं ने काफी उत्साह दिखाया। फोगां में मतदान को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बनाए चार बूथों पर ग्रामीणों ने शराब बंद किए जाने को लेकर वोट डाले। मतदान की प्रक्रिया एसडीएम मूलचन्द लूणिया व तहसीलदार एवं पीठासीन अधिकारी बीरबलनाथ सिद्ध की देखरेख
में हुई।
निशक्तजन नहीं रहे पीछे फोगां को शराब से मुक्त कराने के लिए हुए मतदान में गांव के निशक्त एवं बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहे। चुनाव को लेकर न तो कोई प्रत्याशी है और न ही कोई चिन्ह। ग्रामीण शराब बंद करने को लेकर हां अथवा ना में मतदान किया। सुबह 10 बजे के करीब 20 प्रतिशत वोट डाले जा चुके थे।
तीन साल से कर रहे प्रयास ग्राम पंचायत में शराब से परेशान महिलाओं ने सरपंच द्वारकाप्रसाद कठोतिया व सत्यनारायण झाझडिय़ा के नेतृत्व में करीब तीन साल से लोगों को शराबबंदी को लेकर जागरूक कर रहे थे। घर-घर लोगों को गीतों के माध्यम से नाटक के माध्यम से प्रेरित किया गया।
तैनात रही पुलिस मतदान केंद्र पर डीएसपी देवेंद्रसिंह राजावत सहित भालेरी थाने का पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। मतदाताओं को लाने ले जाने के लिए गांव के युवा एवं कई संगठन मतदान की व्यवस्था में लगे हुए थे और मतदान की प्रक्रिया शांतिपूर्ण चली।
”२६ जनवरी 2015 को ग्रामीणों ने गांव की गुवाड़ में शराब बंदी का सर्वसम्मत निर्णय किया था। जिसके फलस्वरूप निरंतर संघर्ष किया। उसी का परिणाम आज सामने आया है।”
सत्यनारायण झाझडिय़ा, ग्रामीण
”शराब बंदी के लिए पिछले तीन साल लगातार संघर्ष करने वाले ग्रामीणों के सामने कई बाधाएं आई। जिसका मुकाबला किया तो गांव फोगां शराब से मुक्त हो गया।”
सरपंच द्वारकाप्रसाद कठोतिया, ग्रामीण
सत्यनारायण झाझडिय़ा, ग्रामीण
”शराब बंदी के लिए पिछले तीन साल लगातार संघर्ष करने वाले ग्रामीणों के सामने कई बाधाएं आई। जिसका मुकाबला किया तो गांव फोगां शराब से मुक्त हो गया।”
सरपंच द्वारकाप्रसाद कठोतिया, ग्रामीण
”शराब बंदी को लेकर ग्रामीण अति उत्साहित थे, क्योंकि आज उनके संघर्ष का परिणाम आने वाला था। जो हमारे पक्ष में गया।”
दुल्हा अरविन्द, ग्रामीण
”मतदान में ग्रामीण महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही। हर वर्ग आयु के ग्रामवासियों ने अपने गांव को शराब मुक्त करने में भूमिका निभाई। इससे गांव का माहौल अच्छा होगा।”
दुर्गा पारीक, अध्यक्ष, छात्र संघ
”फोगां भरतरी में शराब बंदी के लिए हुए मतदान में शराब हारी और संघर्ष की जीत हुई। ”
पूनम अंकुर छाबड़ा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जस्टिस फॉर छाबड़ाजी