चुरू

मीठे बेर उत्पादन के लिए चर्चा का विषय बना पारेवड़ा

सहायक कृषि अधिकारी दिनेश कुमावत ने गांव पारेवड़ा सहित आसपास के गांवों में पहुंचकर कृषकों को खेती – बाड़ी सें जुड़ी जानकारीयां दी व क्षेत्र के गांव पारेवड़ा में बैर व अनार की खेती कर रहे किसानों सें मुलाकात की।

चुरूMar 04, 2020 / 05:39 pm

Madhusudan Sharma

मीठे बेर उत्पादन के लिए चर्चा का विषय बना पारेवड़ा

साण्डवा. सहायक कृषि अधिकारी दिनेश कुमावत ने गांव पारेवड़ा सहित आसपास के गांवों में पहुंचकर कृषकों को खेती – बाड़ी सें जुड़ी जानकारीयां दी व क्षेत्र के गांव पारेवड़ा में बैर व अनार की खेती कर रहे किसानों सें मुलाकात की। क्षेत्र का पारेवड़ा गांव इन दिनों मीठे और मोटे बेर उत्पादन के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां ड्रिप सिंचाई के माध्यम से बैर का उत्पादन कर रहे किसान द्वारा हर वर्ष 7 से 8 लाख रुपएके बेरों की बिक्री की जा रही है। पारेवड़ा के दीपाराम पुत्र डूंगरराम बावरी ने 3 वर्ष पूर्व बेर का बगीचा अपने खेत में लगभग 10 बीघा के क्षेत्रफल में लगाया जिससे प्रथम वर्ष से ही फलों की पैदावार शुरू हो गई तथा इस वर्ष प्रत्येक पौधे से औसत 50 से 60 किलो बेर का उत्पादन हुआ। वहीं किसान ने अनार की खेती भी कर रखी है जिससें अच्छा उत्पादन होता है। कृषक द्वारा नागौर व सुजानगढ़ मंडी में बिक्री के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र के गांवो में अपने निजी वाहन सें घूम कर बेर का विक्रय कर रहे हैं कृषक ने बेर के पौधों में जैविक खादों का भरपूर उपयोग किया है जिसकी वजह से बेर के उत्पादन व गुणवत्ता में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है जिससे अच्छी आमदनी प्राप्त हुई है।

प्रति पौधा खर्च होते है 70 से 80 रुपए
जनवरी में बेर लगाए जाते है प्रति पौधा औसतन 70 सें 80 रुपए खर्च होते है एक वर्ष बाद फरवरी-मार्च में फल तैयार हो जाते है। खुदरा बाजार में बैर बेचने पर करीब 40 से 60 रुपए किलोग्राम पर आसानी सें बिक जाते है अत्यधिक मिठास सें परिपूर्ण ये बेर क्षेत्र में विशेष चर्चा का विषय बने हुए है।

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