शोक संवेदना- राजस्थान पुलिस की टुकड़ी ने दी जवान को सलामीचूरू. साहवा. गांव किलीपुरा निवासी सीआरपीएफ के जवान भालगर गोस्वामी (35) को गोस्वामी समाधि स्थल पर गार्ड ऑफ ओनर के साथ ससम्मान अंतिम विदाई दी गई। जवान के दो पुत्रों द्वारा की जा रही रस्में देख वहां मौजूद सभी आंखें नम हो गई। शुक्रवार सुबह दिवंगत जवान भालगर की पार्थिव देह को तिरंगा यात्रा के साथ साहवा से उनकी ढाणी गांव किलीपुरा ले जाते समय गांव भाड़ंग व रैड़ी भूरावास में स्कूलों बच्चों व ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर नमन किया और अमर शहीद के नारे लगाए। पार्थिव देह को घर के आंगन में अंतिम दर्शनों के लिए उतारा गया तो घर में कोहराम मच गया और दिवंगत जवान की पत्नी, बहन व मां अपने होश खो बैठी। परिवार व पड़ौस की अन्य महिलाओं ने उन्हें ढाढस बंधाया। पुत्र मनीत (8) व विकास (5) सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने अंतिम संस्कार रस्मों को पूरा किया। निवास स्थान से गोस्वामी मोक्ष स्थल तक गाडिय़ों, बाइक सवारों और हाथों में तिरंगा लिए लोगों की कतार लगी हुई थी। मोक्ष स्थल पर चूरू पुलिस लाइन से आई पुलिस जवानों ने पार्थिव देह को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हवाई फायर कर सलामी दी व तिरंगा परिजनों को सौंपा। सीआरपीएफ जीसी 2 बटालियन अजमेर से आए इंस्पेक्टर राजेन्द्र singh , कांस्टेबल राजेशकुमार मानिक एवं 203 कोबरा बटालियन बरहई हजारी बाग झारखण्ड से आए हवलदार संदीप कुमार ने अपनी यूनिट की तरफ से सलामी देकर ससम्मान अंतिम विदाई दी। भालगर की पार्थिव देह को ससम्मान समाधीस्थ किया। अंतिम संस्कार के पश्चात सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर राजेन्द्र singh ने दिवंगत जवान की पत्नी चुक्का देवी को सीआरपीएफ की तरफ से तत्काल सहायता राशि 50 हजार रुपए सौंप कर ढाढस बंधाया। अन्य सभी विभागीय लाभ समय पर दिलवाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। प्रधान संजय कस्वां ने विधायक नरेन्द्र बुड़ानियां के शोक संवेदना पत्र से अवगत करवाया। डिग्गी में डूबने से हो गई थी मौतदिवंगत भालगर सीआरपीएफ में बारबर (नाई ) ट्रेड पर पदस्थापित थे। उनकी पत्नी चुक्का देवी बीए पास है। बड़ा बेटा मनीत (8) तीसरी तथा विकास (5) पहली कक्षा में अध्ययनरत हैं। ये तीन भाई बहन थे। उनके माता पिता छोटे भाई बनवारीगर के साथ रहते हैं । दोनों भाईयों ने गांव के पास ही अपने खेत में पक्के मकान बना रखे हैं। इनकी यूनिट से आए हैडकांस्टेबल संदीपकुमार ने बताया कि भालगर जनवरी के प्रथम पखवाड़े में 1 माह की छुट्टी लेकर आए थे, पूरी हो जाने पर उन्होंने 15 दिनों की छुट्टी और बढी ली थी और इसी बीच खेत में बनी डिग्गी में डूबने से उनकी मौत हो गई।
शोक संवेदना- राजस्थान पुलिस की टुकड़ी ने दी जवान को सलामीचूरू. साहवा. गांव किलीपुरा निवासी सीआरपीएफ के जवान भालगर गोस्वामी (35) को गोस्वामी समाधि स्थल पर गार्ड ऑफ ओनर के साथ ससम्मान अंतिम विदाई दी गई। जवान के दो पुत्रों द्वारा की जा रही रस्में देख वहां मौजूद सभी आंखें नम हो गई। शुक्रवार सुबह दिवंगत जवान भालगर की पार्थिव देह को तिरंगा यात्रा के साथ साहवा से उनकी ढाणी गांव किलीपुरा ले जाते समय गांव भाड़ंग व रैड़ी भूरावास में स्कूलों बच्चों व ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर नमन किया और अमर शहीद के नारे लगाए। पार्थिव देह को घर के आंगन में अंतिम दर्शनों के लिए उतारा गया तो घर में कोहराम मच गया और दिवंगत जवान की पत्नी, बहन व मां अपने होश खो बैठी। परिवार व पड़ौस की अन्य महिलाओं ने उन्हें ढाढस बंधाया। पुत्र मनीत (8) व विकास (5) सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने अंतिम संस्कार रस्मों को पूरा किया। निवास स्थान से गोस्वामी मोक्ष स्थल तक गाडिय़ों, बाइक सवारों और हाथों में तिरंगा लिए लोगों की कतार लगी हुई थी। मोक्ष स्थल पर चूरू पुलिस लाइन से आई पुलिस जवानों ने पार्थिव देह को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हवाई फायर कर सलामी दी व तिरंगा परिजनों को सौंपा। सीआरपीएफ जीसी 2 बटालियन अजमेर से आए इंस्पेक्टर राजेन्द्र singh , कांस्टेबल राजेशकुमार मानिक एवं 203 कोबरा बटालियन बरहई हजारी बाग झारखण्ड से आए हवलदार संदीप कुमार ने अपनी यूनिट की तरफ से सलामी देकर ससम्मान अंतिम विदाई दी। भालगर की पार्थिव देह को ससम्मान समाधीस्थ किया। अंतिम संस्कार के पश्चात सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर राजेन्द्र singh ने दिवंगत जवान की पत्नी चुक्का देवी को सीआरपीएफ की तरफ से तत्काल सहायता राशि 50 हजार रुपए सौंप कर ढाढस बंधाया। अन्य सभी विभागीय लाभ समय पर दिलवाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। प्रधान संजय कस्वां ने विधायक नरेन्द्र बुड़ानियां के शोक संवेदना पत्र से अवगत करवाया। डिग्गी में डूबने से हो गई थी मौतदिवंगत भालगर सीआरपीएफ में बारबर (नाई ) ट्रेड पर पदस्थापित थे। उनकी पत्नी चुक्का देवी बीए पास है। बड़ा बेटा मनीत (8) तीसरी तथा विकास (5) पहली कक्षा में अध्ययनरत हैं। ये तीन भाई बहन थे। उनके माता पिता छोटे भाई बनवारीगर के साथ रहते हैं । दोनों भाईयों ने गांव के पास ही अपने खेत में पक्के मकान बना रखे हैं। इनकी यूनिट से आए हैडकांस्टेबल संदीपकुमार ने बताया कि भालगर जनवरी के प्रथम पखवाड़े में 1 माह की छुट्टी लेकर आए थे, पूरी हो जाने पर उन्होंने 15 दिनों की छुट्टी और बढी ली थी और इसी बीच खेत में बनी डिग्गी में डूबने से उनकी मौत हो गई।