तीन साल पहले हुई थी घोषणा
इस रेलवे फाटक के पार महत्वपूर्ण आवागमन की सडक़ें, पिलानी, झुंझुनूं, नीमकाथाना, जयपुर, बहल, भिवानी होने के साथ-साथ महाविद्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, राजकीय सामुदायिक केंद्र तथा शहर की एक चौथाई बस्ती को लाभ पहुंचेगा। तीन वर्ष पूर्व सांसद राहुल कस्वा के प्रयासों से केंद्रीय रेल बजट में ओवरब्रिज निर्माण की घोषणा हुई थी तथा लोगों ने खुशी भी जाहिर की थी। लेकिन तकनीकी कारणों से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। इससे लोगों में रोष है।
मार्ग से गुजरती हैं सैंकड़ों बसें एवं दर्जनों रेलगाड़ियां
रेलवे फाटक से प्रतिदिन जयपुर, अलवर, पिलानी, बहल, भिवानी से आने-जाने वाली सैंकड़ों निजी एवं सरकारी बसें तथा ट्रक व छोटे वाहनों को आवागमन रहता है। वहीं 52 से अधिक सवारी गाडिय़ां तथा दो दर्जन से भी अधिक मालगाड़ियां इस फाटक से गुजरती हैं। इसके चलते अधिकांश समय फ ाटक बंद रहने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं महाविद्यालय एवं सरकारी अस्पताल तथा मोहता आईटीआई में पढऩे वाले विद्यार्थियों एवं रोगियों को भी परेशानी होती है। इतना ही नहीं फाटक बंद होने के कारण पैदल राहगीर एवं दुपहिया वाहन चालक फ ाटक खुलने का इंतजार नहीं करते। लोग पटरियों एवं फाटक के नीचे से गुजरने तथा बाइक निकालने का प्रयास करते रहते हैं। जिसके कारण कभी-भी अनहोनी घटना घटित हो सकती है।