यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 12 अप्रैल यानि गुरुवार की शाम को भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट पहुंच रहे हैं। सीएम का यह तीसरा दौरा होगा। इस बार वे कानून व्यवस्था व् विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे विभागीय जिम्मेदारों के साथ। दौरे को लेकर प्रशासनिक अमले में हरारत की स्थिति है मगर आंकड़ों के एंटीबायटिक से सब कुछ सही हो जाएगा ये सारे विभागों का विश्वास है और शायद उनका ये तकाज़ा सही भी है। डीएम एसपी लगातार हेलीपैड से लेकर सीएम के रात्रि विश्राम और समीक्षा बैठक की रूपरेखा तैयार करने में लगे हैं। प्रोटोकॉल सीएम के समय का है लेकिन समीक्षा बैठक में महाभारत के सजंय की भूमिका तो प्रशासन को ही निभाना है अलबत्ता यह दीगर बात है कि सीएम योगी धृतराष्ट्र बनते हैं या नहीं।
मुद्दे वही सीएम का दौरा नया
यूपी सीएम के आगमन को लेकर पुनः एक बार महान साधू संतों की भौंहे टेढ़ी हो गई हैं। पवित्र मंदाकिनी की कराहती आवाज साधू संतो को फिर से सुनाई पड़ने लगी है और उन्होंने सीएम से मिलकर मंदाकिनी के मैले आंचल को साफ करने का ज्ञापन व् प्रस्ताव देने की योजना तैयार कर रखी है। अब जबकि सीएम भी साधू संतों के प्रेमी हैं तो ऐसे में संत समाज को भी विश्वास है कि सीएम बिन बुलाए भी उनसे मिलने आएंगे। दूसरी तरफ पाठा का पेयजल संकट दिन पे दिन विकराल होता जा रहा है इसमें कोई संशय नहीं जबकि कई बार इस समस्या को लेकर लखनऊ से पेंच कसे जा चुके हैं। प्रधानमन्त्री आवास योजना सड़क और बिजली और किसानों की समस्या तथा पर्यटन को लेकर विभिन्न सामजिक संगठनों समाजसेवियों ने ज्ञापन का पुलिंदा तैयार कर रखा है सीएम से मिलने की हसरत लिए।
स्क्रिप्ट तैयार है
सीएम के दौरे को लेकर पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर ली गई है। प्रोटोकॉल के मुताबिक सीएम कितने से कितने बजे तक कहां समय देंगे इसके अनुसार सारा सीन क्रिएट किया जाएगा। किसी गांव का निरीक्षण करने के संभावित दौरे के मद्देनजर मुख्यालय के एक दो गांवों को चिन्हित किया गया है जहां ज्यादा पसीना न बहाना पड़े। पिछली बार 22 अक्टूबर 2017 को जब सीएम ने दौरा किया था तो उन्हें कलेक्ट्रेट के पास स्थित बनाड़ी गांव का निरीक्षण कराया गया था।
समस्याओं की लम्बी फेहरिस्त लिए बैठे साधू संत
धर्म नगरी के प्रमुख संतों में गिने जाने वाले महंत दिव्य जीवनदास(दिगम्बर अखाडा) संतोषी अखाडा के महंत रामजीदास , खाकी अखाडा के महंत अनूप दास महानिर्वाणी अखाडा के महंत आदित्यदास आदि ने पुनः सीएम से मिलकर साधू संतों की समस्या के लिए एक अलग अधिकारी की व्यवस्था, चित्रकूट के पर्यटन स्थलों के विकास व् अन्ना प्रथा समस्या सहित कई मूलभूत समस्याओं पर ध्यानाकृष्ट करने का मन बनाया है।