राजे की तारीफ करते हुए कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि वसुंधरा राजे (Vasunsdhra Raje) के लीडरशिप में भाजपा ने जितने भी चुनाव लड़े, ऐसी हार पहले कभी नहीं देखी। वह सही मायने में एक बेहतरीन लीडर हैं। वहीं, राजे के बेटे और झालावाड़-बारां से भाजपा की टिकट पर लगातार 5वीं बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे दुष्यंत सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति लगातार एक सीट से पांच बार सांसद चुना जा रहा है, उसे केंद्रीय मंत्री नहीं बनाना समझ के परे है। एक ही सीट से लगातार 5 बार सांसद चुना जाना आसान नहीं होता। इतने लंबे समय में आपके खिलाफ विरोधी लहर शुरू हो जाती है। इसके बावजूद दुष्यंत को मंत्री नहीं बनाना हैरान करने वाली बात है। केंद्र में हारे हुए नेता को भी शामिल कर लिया गया।
कांग्रेस की टिकट पर चूरू सीट से चुनाव जीतने वाले कस्वां ने चूरू से विधायक रहे और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) पर भी जमकर हमला बोला। कस्वां ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ ने कभी रचनात्मक राजनीति नहीं की। उन्होंने पहले मेरे पिता (रामसिंह कस्वां) का टिकट कटवाया और फिर मेरा टिकट कटवा कर ही मानें। उन्हें जो अहंकार है उसे खत्म करना जरूरी था और चूरू की जनता ने मुझे जितवाकर उनके अहंकार को तोड़ा। राठौड़ ने कई लोगों का राजनैतिक कॅरियर खत्म किया है। टिकट कटने के बाद अगर मैं आवाज नहीं उठाता तो ऐसे लोगों का अहंकार और बढ़ता। राठौड़ के अहंकार के कारण ही भाजपा लोकसभा चुनाव में शेखावाटी की तीनों सीटें-चूरू, झुंझुनूं और सीकर सीट हार गई। चूरू की जनता ने मुझे जितवाकर मुझपर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं जनता का जितना शुक्रिया अदा करूं, उतना ही कम है।
राहुल (Churu MP Rahul Kaswan) ने आगे कहा कि चुनाव से करीब दो महीने पहले जब भाजपा ने मेरा टिकट काटा तो मैं चूरू की जनता के बीच गया। लोगों का अपार विश्वास और जो प्यार मिला, उसके चलते ही मैंने चुनाव लडऩे का फैसला किया। कांग्रेस ने मुझे अपनाया और टिकट दिया। पूरी टीम ने चूरू सीट पर जी जान से मेहनत की और इसका नतीजा यह रहा कि हम यहां से जीतने में सफल रहे।