scriptगीता पढऩे से पहले अर्जुन बनकर कृष्ण को समझना जरूरी: डॉ. कोठारी | Rajasthan Patrika Chief Editor Dr. Gulab Kothari in churu | Patrika News

गीता पढऩे से पहले अर्जुन बनकर कृष्ण को समझना जरूरी: डॉ. कोठारी

locationचुरूPublished: Jun 30, 2019 06:40:21 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

चूरू के सरदारशहर में श्रीलोकरंजन परिषद, प्रेरणा मंच और कर्मभूमि सेवा संस्थान की ओर से सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ.श्यामसुन्दर लाटा का नागरिक अभिनंदन आज बाबू शोभाचन्द जम्मड़ भवन में आयोजित हुआ।

Dr. Gulab Kothari
चूरु। चूरू के सरदारशहर में श्रीलोकरंजन परिषद, प्रेरणा मंच और कर्मभूमि सेवा संस्थान की ओर से सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ.श्यामसुन्दर लाटा का नागरिक अभिनंदन आज बाबू शोभाचन्द जम्मड़ भवन में आयोजित हुआ।

राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि एडीएम रामरतन सौंकरिया और विशिष्ट अतिथि मुन्नालाल सेठिया रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. कोठारी ने लाटा को भारतीय संस्कृति और संस्कारों का पोषक बताते हुए उनके सम्मान को भारतीय संस्कारों का सम्मान बताया।

उन्होंने शिक्षा के जरिए देश में घर कर रही पाश्चात्य संस्कृति पर भी जमकर कटाक्ष किया। डॉ. कोठारी ने कहा कि पाश्चात्य शिक्षा शरीर के पोषण को महत्व देती है, जबकि भारतीय दर्शन शरीर को बदलेे जाने वाले कपड़े की तरह मानता है और खुद की बजाय दूसरों के लिए जीने की प्रेरणा देकर संत बनाता है।
डॉ. कोठारी ने कहा कि हमें गीता को समझना है और इसके लिए पहले अर्जुन बनकर भगवान श्रीकृष्ण को समझना है। उन्होंने कहा कि इंसान अपने आप में एक बीज है जो खुद तय करता है कि उसे छाया और फलदार पेड़ बनना है या नहीं। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी पूर्व न्यायाधीश लाटा को एक आदर्श न्यायाधीश और सामाजिक प्रेरक बताया।
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