जानकारी के मुताबिक अपराधियों से निपटने के लिए प्रदेश की पुलिस की ओर से कार्ययोजना तैयार की गई, पुलिस अब साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेगी, इस काम के लिए पुलिस की ओर से उन्हें पारिश्रमिक भी दिया जाएगा।हालांकि उन्होंने अपराध से निपटने के लिए पुलिस में जवानों को प्रशिक्षित करने की बात कही है। साथ ही सबसे महत्वपूर्ण आमजन की जागरुकता है।क्यों कि अक्सर व्यक्ति शातिर अपराधियों के दिए लालच में आकर अपनी महत्वपूर्ण जानकारियां देता है।इसका फायदा उठाकर बैंक खाते साफ कर देते हैं।
इन दिनों फेसबुक आईडी को हैक कर परेशानी में बताकर व्यक्ति से जुड़े परिचित व रिश्तेदारों से रुपए मांगने के मामले सामने आ रहे हैं।गौरतलब है कि नागौर जिले के एक अपराधी का फोन पुलिस ने बरामद किया था।लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी लॉक नहीं तोड़ पाई थी।बाद में हैकर की मदद से लॉक तो तोड़ा गया।इस काम के लिए हैकर को प्रति घंटे के हिसाब से मोटी रकम भी दी गई थी।
सूत्रों की माने तो ऐसे अपराधी विशेषकर झारखंड, दुमका व जमतारा आदि जिलों में ज्यादा सक्रिय हैं।बड़ा नेटवर्क होने के कारण पुलिस भी कार्रवाई करने में खौफ खाती है।गैंग से जुड़े सदस्य दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मुंबई में फर्जी वेबसाइट तैयार कर नौकरी, टॉवर, लोन, लॉटरी निकलने आदि का झांसा देते हैं।दिलचस्प बात यह है कि अब तक ठगे गए लोगों में शिक्षित वर्ग की संख्या अधिक है।
जिले में साइबर अपराध की स्थिति
वर्ष मामले
2017 8
2018 14
2019 31 इनका कहना है…
साइबर एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है, इसमें आमजन की लापरवाही भी सामने आई है।आमजन को राहत देने के लिए पुलिस अब एक्सपर्टों की मदद लेगी, इसके बदले में भुगतान भी किया जाएगा।
यूआर साहू, एडीजीपी, आयोजना, आधुनिकरण व कल्याण।
वर्ष मामले
2017 8
2018 14
2019 31 इनका कहना है…
साइबर एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है, इसमें आमजन की लापरवाही भी सामने आई है।आमजन को राहत देने के लिए पुलिस अब एक्सपर्टों की मदद लेगी, इसके बदले में भुगतान भी किया जाएगा।
यूआर साहू, एडीजीपी, आयोजना, आधुनिकरण व कल्याण।