scriptपथराव के बाद रामपुरा पुलिस छावनी में तब्दील | Rampura police converted into a camp after stone pelting | Patrika News

पथराव के बाद रामपुरा पुलिस छावनी में तब्दील

locationचुरूPublished: Oct 12, 2020 07:23:19 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

ग्राम रामपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गलत इंजेक्शन लगाने से गर्भवती महिला रचना मीणा की शनिवार को हुई मौत के मामले में दूसरे दिन रविवार को ग्रामीणों और पुलिस के बीच लाठी चार्ज और पथराव की घटना के बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।

पथराव के बाद रामपुरा पुलिस छावनी में तब्दील

पथराव के बाद रामपुरा पुलिस छावनी में तब्दील

सादुलपुर. ग्राम रामपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गलत इंजेक्शन लगाने से गर्भवती महिला रचना मीणा की शनिवार को हुई मौत के मामले में दूसरे दिन रविवार को ग्रामीणों और पुलिस के बीच लाठी चार्ज और पथराव की घटना के बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। लाठीचार्ज और पथराव की घटना से पहले ग्रामीणों की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ग्रामीणों की ओर से दिए जा रहे धरना स्थल पर पहुंचे उपनेता प्रतिपक्ष व चूरू विधायक राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने बहुमत देकर जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है, उनको सरकार से वार्ता कर पीडि़त को मदद करवानी चाहिए। पीडि़त परिवार को न्याय नहीं मिला तो जिला स्तर तक आंदोलन शुरू होंगे। राठौड़ ने कहा कि अधिकारी राजनेताओं को खुश करने में जुटे हैं। ऐसे हालात में कानून को किसी को भी हाथ में नहीं लेने देंगे। चाहे गिरफ्तारी देनी पड़े। राठौड़ ने कहा कि एक अबला महिला एक मां की मौत के बदले सवाल उठाने पर लाठी चार्ज कर आंदोलन को कुचलने के प्रयास को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे तथा इस न्याय के युद्ध को तेज करने की कार्रवाई करेंगे। वहीं भाजपा नेता रामसिंह कस्वां, जिला प्रमुख हरलाल सहारण, भाजपा युवा मोर्चा के कृष्ण भाकर आदि ने मांग का समर्थन करते हुए पीडि़त परिवार को दस लाख रुपए आर्थिक सहायता एवं परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा दोषी मेडिकल स्टाफ को निलंबन करने की मांग की है।
सरपंच पद की प्रत्याशी ने जताया रोष
सरपंच पद की प्रत्याशी सुनीता कुमारी ने गलत इंजेक्शन से महिला की मौत पर रोष जताते हुए पीडि़त परिवार को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने तथा दोषी मेडिकल स्टाफ को निलंबित करने की मांग की। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। वहीं एडवोकेट मुकेश रामपुरा ने महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की तथा न्यायसंगत कार्रवाई नहीं होने पर 13 अक्टूबर आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है।
यह था मामला
रामपुरा निवासी जगदीश मीणा ने 10 अक्टूबर को मामला दर्ज करवाकर बताया कि नौ अक्टूबर को उसका भाई राजेन्द्र अपनी गर्भवती पत्नी रचना को जांच के लिए अस्पताल लेकर गए। अस्पताल में डॉक्टर ने तबीयत ठीक बताई। उसके बाद उसे वापस घर ले आए। लेकिन थोड़ी ही देर बाद प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस पर वापस अस्पताल लेकर पहुंचे। इस पर अस्पताल में मौजूद डॉ.भीम ने कहा कि स्थिति सामान्य है तथा डिलीवरी हो जाएगी। लेकिन रचना दर्द से तड़पती रही। इस पर डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया। उसके थोड़ी ही देर बाद रचना की तबीयत बिगड़ गई तथा मुंह और कानों से खून आने लगा। यह स्थिति देखकर डॉ.भीम ने अस्पताल को छोड़कर भागने का प्रयास किया। लेकिन उसे रोककर उपचार की बात कही तो उसने रचना को सादुलपुर रैफर कर दिया। एंबुलेंस की मांग की गई, तो डॉक्टर ने मना कर दिया एवं बिगड़ी हुई हालात को देखते हुए एक निजी वाहन से रचना को सादुलपुर लेकर पहुंचे। वहां से चिकित्सकों ने गंभीर हालत देखते हुए चूरू रैफर कर दिया। लेकिन चूरू पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
धरना जारी रखने का निर्णय
प्रकरण को लेकर कलक्टर व एसपी से वार्ता के दौरान सहमति नहीं बनने के कारण ग्रामीणों और नेताओं ने धरना जारी रखने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर भाजपा नेता राजेन्द्रसिंह राठौड़, मनोज न्यांगली, रामसिंह कस्वा, हरलाल सिंह सहारण, पूर्व पालिकाध्यक्ष नंदकिशोर मरोदिया, खाद्य व्यापार मंडल अध्यक्ष राधेश्याम डोकवेवाला, भाजपा युवा मोर्चा के कृष्ण भाकर ने सरकार और प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन पीडि़त की आवाज को सुनने को ही तैयार नहीं है। नेताओं ने बताया कि पहले तो वार्ता करने को ही तैयार नहीं थे तथा विधायक कृष्णा पूनिया ने नेतृत्व में वार्ता करने को कहा। जिसको हमने स्वीकार नहीं किया तथा कमेटी का गठन किया गया तथा वार्ता भी की। लेकिन मांगों को सुनने को ही तैयार नहीं है। नेताओं ने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई, तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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