अस्पताल में ना तो सफाई व्यवस्था है और ना ही सिस्टम नाम की कोई चीज। डॉक्टर एप्रीन में नजर नहीं आए। कुछ ऐसा ही आलम है चूरू जिले के सबसे बड़े राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल का।
चुरू
Published: July 08, 2022 12:40:16 pm
चूरू. अस्पताल में ना तो सफाई व्यवस्था है और ना ही सिस्टम नाम की कोई चीज। डॉक्टर एप्रीन में नजर नहीं आए। कुछ ऐसा ही आलम है चूरू जिले के सबसे बड़े राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल का। इन हालातों को देखने जब जब उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ पहुंचे तो चिकित्सकीय प्रबंधन की सारी पोल खुलकर सामने आ गई। दरअसल राठौड़ का ये औचक निरीक्षण था। सफाई व्यवस्था का आलम देख राठौड़ अस्पताल अधीक्षक डा.हनुमान जयपाल पर बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि जब आपका अस्पताल खुद बीमार है तो यहां आने वालों का उपचार कैसा होगा। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यही नहीं आपके फिजीशियन ओपीडी में नजर नहीं आते। राठौड़ ने अस्पताल अधीक्षक से कहा कि चिकित्सकों को ओपीडी में बैठने के लिए पाबंद करें या फिर उन पर कार्रवाई करें। उन्होंने अस्पताल में निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था देखी। हालात तो ऐसे थे कि मकड़ी के जाले नजर आ रहे थे। इस पर राठौड़ ने अस्पताल अधीक्षक से कहा कि सफाईकर्मी अगर काम नहीं करें तो उनको हटाकर दूसरे लगाने के निर्देश दिए। इस निरीक्षण के दौरान अस्पताल अधीक्षक केवल राठौड़ को सफाई देते नजर आए। इसी दौरान राठौड़ एक वार्ड में गाजुवास निवासी प्रसूता मनोज से के पास गए और दोनों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद राठौड़ ने पूछा की प्रसव के लिए कितने रूपए दिए। इस पर प्रसूता बोली साहब 11 सौ रुपए दिए हैं। राठौड़ ने अस्पताल अधीक्षक से कहा कि देखो ऐसी है आपे अस्पताल की व्यवस्थाएं। निरीक्षण के दौरान इस मौके पर भाजपा नेता हरलाल सहारण, प्रधान दीपचंद राहड़, चन्द्राराम गुरी, हेमङ्क्षसह शेखावत, एमगोपाल बालाण, भंवर गुर्जर, डॉ. साजिद चौहान, नर्सिंग अधीक्षक रमेश कुमारी, उषा, मंगल ङ्क्षसह आदि मौजूद थे।
ये खालाजी का बाड़ा है या अस्पताल
निरीक्षण के दौरान अस्पताल के डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ ड्रेस में नजर नहीं आए तो राठौड़ नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर खुद एप्रीन में नहीं है। खालाजी का बाड़ा है या अस्पताल। राठौड़ ने एक्स-रे रूम का निरीक्षण किया और रेडियोग्राफर को फटकार लगाई। राठौड़ ने कहा कि जहां बैठते हो वहां की व्यवस्था में सुधार करो। अस्पताल परिसर के बाहर लगी घास को देखकर राठौड़ ने नाराजगी जताई। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से कहा कि अस्पताल तो यहां खुद मलेरिया व डेंगू को आने का न्यौता दे रहा है।
यहां इस तरह लटकाई जाती है ग्लूकोज
अस्पताल के निरीक्षण के बाद जब राठौड़ ने एमसीएच में प्रवेश किया तो इससे पूर्व ही गंदगी का आलम देख अस्पताल अधीक्षक को खरी खोटी सुना दी। राठौड़ ने कहा कि क्या ऐसी है आपकी व्यवस्था। इस पर अस्पताल अधीक्षक निरुत्तर नजर आए। राठौड़ ने जैसे ही एमसीएच के एक वार्ड में प्रवेश किया तो उन्होंने प्रसूता को ऑक्सीजन पोइंट पर ग्लूकोज की बोतल लटकी नजर आई। जिस पर राठौड़ ने नाराजगी जताई।
सुप्रीडेंट साहब थोड़ी तो शर्म करो...
मातृ शिशु अस्पताल में निरीक्षण के दौरान राठौड़ को एमसीएच का एसी बंद मिला। इस पर उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से कहा कि भीषण गर्मी में प्रसूता व नवजात को होने वाली परेशानी का तो खयाल रखो। यही नहीं एमसीएच के बाथरूम बदहाल मिले। जिस पर राठौड़ ने कडी आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीडेंट साहब थोड़ी तो शर्म करों। आप सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं करवा सकते तो सफाईकर्मियों की छुट्टी कर दो। अस्पताल में संक्रमण फैलाने वाला वातावरण नहीं चाहिए।
...तो क्या सोनोग्राफी बंद रहेगी
निरीक्षण के दौरान सामने आया कि रेडियोलॉजिस्ट डॉ. बीएल नायक गुरूवार को विकली ऑफ पर थे। राठौड़ ने अधीक्षक से कहा कि अगर डॉ. नायक विकली ऑफ पर है तो क्या अस्पताल में आज सोनोग्राफी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आप मुझे लिखकर दो मैं चिकित्सा विभाग के ङ्क्षप्रसिपल सेकेट्री से इस संबंध में बात करूंगा। प्रसूताओं की सोनोग्राफी में एक माह से अधिक समय लग रहा है। जो कि बेहद ङ्क्षचतनीय है।
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