चुरूPublished: Jul 13, 2020 11:00:31 am
Madhusudan Sharma
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जो स्वयं गृह विभाग के प्रभारी मंत्री है, ने अपनी ही जांच एजेंसी का बेजा इस्तेमाल करते हुए खुद को नोटिस दिए जाने के बहाने से उपमुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों व विधायकों को एसओजी की ओर से अपमानित करवाने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
राजेन्द्र राठौड़
चूरू. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जो स्वयं गृह विभाग के प्रभारी मंत्री है, ने अपनी ही जांच एजेंसी का बेजा इस्तेमाल करते हुए खुद को नोटिस दिए जाने के बहाने से उपमुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों व विधायकों को एसओजी की ओर से अपमानित करवाने का षड्यंत्र कर रहे हैं। राठौड़ ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि देश के इतिहास में यह पहली घटना है कि जब किसी मुख्यमंत्री को उसके ही अधीनस्थ पुलिस विभाग की ओर से नोटिस दिया गया हो। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर दो गुमनाम भाजपा मतदाताओं की आपसी बातचीत को विधायकों की खरीद-फरोख्त व सरकार को गिराने की साजिश करार करते हुए गिरफ्तार करके आलाकमान को अपने राजनीतिक प्रबंधन को प्रमाणित सिद्ध किए जाने का कुत्सित प्रयास करना दुर्भाग्यपूर्ण है। राठौड़ ने कहा कि गत 19 जून को प्रदेश की 3 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में तीन निर्दलीय विधायकों के साथ 7 सितारा होटल में 10 दिन तक मिजाजपुर्सी करने वाली सरकार उन्हें अपने इशारे पर नचाने में नाकाम होने पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में प्राथमिकता दर्ज करवाकर विधायकों में आतंक व दहशत का वातावरण पैदा करना अलोकतांत्रिक कृत्य है। सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार अपने ही मंत्रिमंडल व विधायकों में अंतर्विरोध की वजह से स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है। भाजपा पर अनर्गल व मनगढ़़त आरोप लगा रही है।