चुरूPublished: Nov 02, 2023 10:23:05 am
Devendra Sashtari
रोशनी के त्योहार दीपावली पर घराें को रोशन करने के लिए इन दिनों कुंभकारों के चाक की रफ्तार बढ़ गई है। कारीगर मिट्टी को आकार देकर दीपक बनाने में जुटे हैं। दीपावली के मौके पर घरों को मिट्टी के दीपकों से रोशन करने में इनकी मेहनत आज भी बरकरार है। दशहरे के संपन्न होने के बाद से ही कुम्हार मिट्टी के दीपक बनाने जुट जाते हैं। पीढियों से चली आ रही परंपरा को ये आज भी जीवंत बनाए हुए हैँ।
चूरू. रोशनी के त्योहार दीपावली पर घराें को रोशन करने के लिए इन दिनों कुंभकारों के चाक की रफ्तार बढ़ गई है। कारीगर मिट्टी को आकार देकर दीपक बनाने में जुटे हैं। दीपावली के मौके पर घरों को मिट्टी के दीपकों से रोशन करने में इनकी मेहनत आज भी बरकरार है। दशहरे के संपन्न होने के बाद से ही कुम्हार मिट्टी के दीपक बनाने जुट जाते हैं। पीढियों से चली आ रही परंपरा को ये आज भी जीवंत बनाए हुए हैँ। बदलते समय के साथ सब कुछ बदला पर मिट्टी से बेहद खूबसूरत दीपक बनाने का अंदाज नहीं बदला। आधुनिक युग में लोग अब बिजली सहित अन्य तरीकों से घरों को दीवावली पर सजाते हैं। मगर, गांवों में आज भी मिट्टी के दीयों से घरों को रोशन करने की परंपरा जारी है। इन दिनों जिले भर में दीवाली की तैयारियां परवान पर है। खेताें से निपटने के बाद अब ग्रामीण घरों की सफाई में जुटे हैँ। वहीं शहर के लोग बाजारों से त्योहार के लिए सामान की खरीद कर रहे हैं।