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तहसील का ऐसा भी गांव जहां पर कोरोना नहीं कर पाया प्रवेश

locationचुरूPublished: Jun 23, 2021 10:22:09 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

उपखण्ड के गांव बिलंगा में ग्रामीणों की जागरूकता व सजगता के चलते कोरोना काल के प्रथम व द्वितीय लहर में एक भी कोरोना संक्रमित रोगी नहीं पाया गया। इस दृष्टि से इन क्षेत्र में इस गांव के ग्रामीणों की सुझबूझ की चर्चा है।

तहसील का ऐसा भी गांव जहां पर कोरोना नहीं कर पाया प्रवेश

तहसील का ऐसा भी गांव जहां पर कोरोना नहीं कर पाया प्रवेश

सुजानगढ़. उपखण्ड के गांव बिलंगा में ग्रामीणों की जागरूकता व सजगता के चलते कोरोना काल के प्रथम व द्वितीय लहर में एक भी कोरोना संक्रमित रोगी नहीं पाया गया। इस दृष्टि से इन क्षेत्र में इस गांव के ग्रामीणों की सुझबूझ की चर्चा है। ग्रामीणों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बताई गाइड लाइन की पूरी तरह से ग्रामीणों ने पालना कर मिसाल पेश की। यही नहीं ग्रामीणों ने कोरोनाकाल में बाहरी व्यक्ति को प्रवेश ही नहीं करने दिया। इन सबके कारण गांव कोरोना से अछूता ही रहा। सारोठिया ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले इस गांव की परमादेवी कामड़ ही सरपंच है इसलिए उन्होंने लॉक डाउन लागू होने पर ग्रामवासियो की बैठक लेकर समझाईश की। जिस पर सभी ग्रामीण एकमत नजर आए। 60 वर्षीय परताराम मेघवाल ने कहा कि लॉकडाउन नियमों का इतनी सख्ती से पालन किया कि सुजानगढ़-लाडनूं से हरी सब्जी लाने से दूरी बना ली और दाल, कढ़ी व सूखी सब्जियां ही उपयोग ली। 65 वर्षीय हरिदास कामड़ ने कहा कि इन दो माह में कैर, सांगरी, फोफलिया, फली, लाल मिर्च की चटनी बनाकर ही काम चलाया व बाहरी लोगों से दूरी बनाए रखी, इसकी यह नतीजा रहा कि पूरा गांव कोरोना से महफूज रहा। बुगुर्गों की बात का समर्थन करते भंवरसिंह, किशोरसिंह, बिरमाराम ने भी कहा कि ग्रामीणों की एकजुटता व संकल्प से ही कोरोना को गांव की सीमा से बाहर ही रखा। वृद्ध रामनिवास ने बताया कि ग्रामीणो ने एलोपैथी दवा की बजाय आयुर्वेदिक काढ़ा व घरेलू नुस्खो का नियमित उपयोग करके एम्यूनिटी बढ़ाने जैसे कदम उठाए। ग्राम विकास अधिकारी नेमीचन्द मेघवाल ने गांव की आबादी करीब एक हजार बताई। मेघवाल ने बताया कि समय-समय पर पंचायत क्षेत्र के सभी गांवों में हाईपोक्लोराईड दवा का छिड़काव किया जाकर कोरोना की लड़ाई लड़ी गई। जिसका ही नतीजा रहा कि कोरोना गांव में नहीं घुस पाया।
इनका कहना है
बिलंगा गांव के ग्रामीणों ने कोरोना की रोकथाम को लेकर जो प्रबन्ध व कदम उठाए, उनसे अन्य गांवो को भी प्रेरणा लेनी चाहिए ताकी गांव में कोरोना का प्रवेश ही न हो। मैं ग्रामीणो के प्रयासो की सराहना करता हूं।
मूलचन्द लूणियां, एसडीएम सुजानगढ़।

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