18 दिन से घर-घर तक दस्तक
जिले में 1 हजार 508 आशा सहयोगिनी है। प्रत्येक ब्लॉक में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में आशा सहयोगिनी एएनएम के साथ दिन में पांच घंंटे घर-घर सर्वे अभियान में पिछले 18 दिन से लगी हैं। टीककारण, मातृत्व स्वास्थ्य व पोषण आहार सहित चिकित्सा विभाग के अनेक राष्ट्रीय कार्यक्रमों को आमजन तक पहुंचाने का जिम्मा आशा सहयोगिनी पर है। परिवारों में सीधा सम्पर्क होने के कारण तथा अपने क्षेत्र के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होने से घर-घर सर्वे अभियान में इनकी भूमिका एएनएम के साथ महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की जानकारी लगने के बाद जिले मेें अनेक सामाजिक संगठन इस कार्य में जुटे हुए हैं। वे भी अपने-अपने स्तर पर घरों पर मास्क बनाकर लोगों को निशुल्क वितरित करने का कार्य कर रहे हैं। जो कि लोगों को हौसला दे रहा है।
दे रही हैं जानकारियां
आशा सहयोगिनी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आमजन को होम आइसोलेशन, सोशियल डिस्टेंस तथा बरती जानें वाली सावधानियों के बारे मेें पंपलेट के माध्यम से जानकारी देती है। सर्वे वाले घरों के आगे मार्किंग व परिवार की सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित करती है।
12 हजार मास्क निशुल्क वितरित
आशा सहयोगिनी जिले में कोरोना वायरस के लिए घर-घर सर्वे अभियान के साथ गर्भवती महिला के प्रसव तथा टीकाकरण के बारे में भी है। घर-घर सर्वे अभियान के साथ कई आशा सहयोगिनी सीधे आमजन को समाज सेवा का संदेश दे रही है। आशा सहयोगिनी अपने स्तर पर ही संसाधन जुटाकर मास्क बनाकर आमजन को निशुल्क वितरण भी कर रही है। जिले में अब तक आशा सहयोगिनियों ने घरों में कपड़े के मास्क बनाकर 12 हजार लोगों को वितरित किया है। जिससे कोरोना वायरस के दौरान संक्रमण से बचा जा सकें।