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CHURU NEWS- सर्वसमाज के प्रति स्वामीजी की बहुत बड़ी सोच थी, यह अनुकरणीय...

locationचुरूPublished: Jan 10, 2023 01:37:37 pm

Submitted by:

Vijay

चूरू. जन जागृति के जनक, स्वतंत्रता सेनानी स्वामी गोपालदास की 84वीं पुण्यतिथि मनाई गई। गोपाल दास चौक पर सर्वहितकारिणी सभा भवन के पास आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कहा कि स्वामीजी पर बीकानेर षडय़ंत्र में राजद्रोह का केस लगाया गया। स्वामी ऐसी सख्शियत थे जिन्होंने नारी शिक्षा की अलख जगाने का काम किया है। उनकी सर्वसमाज के प्रति जो सोच थी वह बहुत अनुकरणीय थी। इसीलिए सर्वहितकारिणी सभा बनाकर लोगों के सामने एक मिसाल पेश की।

CHURU NEWS- सर्वसमाज के प्रति स्वामीजी की बहुत बड़ी सोच थी, यह अनुकरणीय...
CHURU NEWS- सर्वसमाज के प्रति स्वामीजी की बहुत बड़ी सोच थी, यह अनुकरणीय...
सर्वहितकारिणी सभा भवन के पास आयोजित श्रद्धांजलि सभा
चूरू. जन जागृति के जनक, स्वतंत्रता सेनानी स्वामी गोपालदास की 84वीं पुण्यतिथि मनाई गई। गोपाल दास चौक पर सर्वहितकारिणी सभा भवन के पास आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कहा कि स्वामीजी पर बीकानेर षडय़ंत्र में राजद्रोह का केस लगाया गया। स्वामी ऐसी सख्शियत थे जिन्होंने नारी शिक्षा की अलख जगाने का काम किया है। उनकी सर्वसमाज के प्रति जो सोच थी वह बहुत अनुकरणीय थी। इसीलिए सर्वहितकारिणी सभा बनाकर लोगों के सामने एक मिसाल पेश की। उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने यातनाएं सहन कर समाज को नई दिशा देने का काम किया है। वक्ताओं ने स्वामी गोपालदास को चूरू की सरकार की संज्ञा देते हुए कहा कि उस समय रियासत का सबसे बड़ा अधिकारी तहसीलदार सामने स्थित गढ़ में बैठता था, लेकिन लोगों की समस्याओं का समाधान इस सर्वहितकारिणी सभा भवन में स्वामी गोपालदास और उनकी टीम करती थी। Óबीकानेर षड्यंत्र केसÓ के बारे में बताते हुए बहड ने कहा कि स्वामी गोपालदास, चन्दन मल बहड को कठोर यातनाएं दी गईं। स्वामी गोपाल दास की पुण्य स्मृति में प्रारंभ वार्षिक स्वामी गोपाल दास पुरस्कार वर्ष 2023 के लिए स्वतंत्रता आन्दोलन में उल्लेखनीय योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानी हनुमान सिंहबुडानिया को मरणोपरांत उनके परिजनों को दिया गया। पुरस्कार में 11 हजार रूपए का चैक, शॉल व श्रीफल प्रदान किया गया। समारोह में पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी, मुख्यम वक्ता लेखक अविनाश कल्ला, पूर्व सभापति रामगोपाल बहड़, प्रो.कमलङ्क्षसह कोठारी, सुनील भाऊवाला, इंदुबाला, शेरखां मलखाण, अभिषेक चोटिया, कुमार अजय, रामरतन सिहाग, आदूराम न्यौल, डा.सुरेन्द्र बुडानिया, प्रो. देदाराम, उप जिला पमुख महेन्द्र न्यौल, धर्मेन्द्र बुडानिया, डा. वासुदेव चावला, गोङ्क्षवद चौधरी, यशपाल बुडानिया, मानवेन्द्र बुडानिया, गोङ्क्षवद चौधरी, कमला पूनिया, मोहन अर्जुन, विकास बुडानिया ने संबोधित किया।
इस मौके पर प्रायोजक भंवरलाल कस्वा ने दूधवाखारा के स्वतंत्रता सैनानी हनुमानङ्क्षसह बुडानिया के जीवन संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक दलीप सरावग ने मुख्य वक्ता अविनाश कल्ला, स्वर्गीय हनुमान ङ्क्षसह बुडानिया के परिजनों और सभी आगंतुक प्रबुद्धजनों का स्वागत किया। कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व स्वामी गोपालदास चौक में स्वामी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर मोहन आर्य,विकास मील, राजेन्द्र कल्ला, अभिलाषा भाटी, अबरार खां, अभय ङ्क्षसह राठौड़,सरिता शर्मा, कुलदीप सरावग, धर्मेन्द्र कस्वां, जमिल चौहान, रामनिवास सारण, दीनदयाल सारस्वत, डॉ कादिर हुसैन,शीशुपाल बुडानिया, फूले ङ्क्षसह बुरड़क, हेमराज फगेडिया, रीछपाल ङ्क्षसह चारण तथा बुडानिया परिवार के अरूण कुमार, देवेन्द्र, आनंद, सुमन, इंदिरा, ऊषा, इंदुबाला, रचना, अनूप, विद्याधरी, सुलेख, उर्मिला सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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