चुरूPublished: Jul 13, 2020 10:53:40 am
Madhusudan Sharma
पिछले तीन-चार दिनों से उमस के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था। गर्मी के कारण कूलर-पंखे भी राहत नहीं दे पा रहे थे। सुबह आसमान में बादल छाए और तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर शुरू हुआ।
तेज हवाओं के साथ झूमे बदरा
चूरू. पिछले तीन-चार दिनों से उमस के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था। गर्मी के कारण कूलर-पंखे भी राहत नहीं दे पा रहे थे। सुबह आसमान में बादल छाए और तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर शुरू हुआ। करीब आधा घंटे तक बारिश का दौर चलने के बाद दस मिनट के लिए थम गया। लेकिन वापस शुरू हो गया। ऐसे में तेज गर्मी व उमस से लोगों ने राहत की सांस ली। कृषि विशेषज्ञों ने फ सल के लिए अच्छा बताया। मौसम विभाग ने 10.6 एमएम बारिश दर्ज की। बारिश के चलते अधिकतम तापमान में सात डिग्री की कमी दर्ज की गई, हालांकि न्यूनतम तापमान में करीब तीन डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई। रविवार को अधिकतम तापमान 34.1 व न्यूनतम तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया। शनिवार को अधिकतम तापमान 41 व न्यूनतम 27.4 दर्ज किया गया था।
बारिश से भरा बाजार में पानी, आवागमन बाधित
सरदारशहर. रविवार को सुबह हुइ हल्की बारिश के कारण मुख्य बाजार में पानी भर गया। जिसके कारण आवागमन बाधित हो गया। हल्की बारिश में बाजार में पानी भर जाना पालिका प्रशासन की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही है। सही तरीके से नालों की सफाई नहीं होने के कारण हल्की बारिश में पानी भर जाता है और घंटों तक पानी भरा रहता है जिसके कारण आमजन को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बाजार में पानी भर जाने से व्यापारियों का धंधा चौपट हो जाता है। व्यापारियों ने बताया कि पहले लॉकडाउन के कारण बाजार बंद रखना पड़ा और अब हल्की बारिश में भी दुकानें बंद रखनी पड़ रही हैं। पालिका प्रशाासन को इसका स्थाई समाधान निकालना चाहिए।
बारिश के बाद खेतों में चले हल
सांखूफोर्ट. सावन के महीने की बारिश से आमजन को गर्मी से राहत मिली वही बच्चों ने नहाने का लुत्फ उठाया। लम्बे समय से गर्मी व उमस लोगो को बारिश से काफी राहत मिली। वहीं रविवार सुबह तेज हवा के साथ बारिश हुई। एक घंटे तक हल्की बारिश हुई, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे। इसी के साथ ही किसानों ने खेत में खरीफ की फसल बिजाई शुरू कर दी।
बारिश के अभाव में जली मूंग, मोठ व बाजरे की फसल
सिधमुख. तहसील क्षेत्र में बरसात के अभाव में खेतों में बोई मूंग की फसल जलकर नष्ट हो गई है। 28 एवं 30 मई को अच्छी बरसात होने पर किसानों ने मूंग, मोठ, बाजरा, ग्वार की बुवाई की। करीब 45 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक बरसात नहीं हुई, तापमान 50 डिग्री तक पहुंचने से फसलें जलकर नष्ट हो चुकी है। सावन का महीना भी आधा बीत जाने के करीब है, बुवाई का समय भी निकला जा रहा है। इसके चलते किसानों को चिन्ता सता रही है। मूंग की फसल की बुवाइ कर चुके किसानों का कहना है कि सिधमुख वितरिका में सिंचाई का पानी किसानों को नहीं मिल रहा है। यदि नहर में सिंचाई का पानी छोड़ देते तो फसल बच सकती थी।