खेतों में पीले पड़ रहे अरमाने के पत्ते ला रहे हैं आंखों में आंसू
चुरूPublished: Aug 26, 2023 01:08:44 pm
अगस्त महिने में बादलों की बेरूखी से खेत वीरान हा चुके हैं। जो फसलें जुलाई में खेतों में लहलहा रही थी, अब वे पीली पड़ जल चुकी हैं। कई किसानों ने तो खेतों को खुला छोड़ दिया है। कई ने घास में बदल चुकी फसलों को पालतु पशुओं के लिए समेटना शुरू कर दिया है।


अजय स्वामी चूरू. अगस्त महिने में बादलों की बेरूखी से खेत वीरान हा चुके हैं। जो फसलें जुलाई में खेतों में लहलहा रही थी, अब वे पीली पड़ जल चुकी हैं। कई किसानों ने तो खेतों को खुला छोड़ दिया है। कई ने घास में बदल चुकी फसलों को पालतु पशुओं के लिए समेटना शुरू कर दिया है। इधर, गांवों में सन्नाटा पसरा है। चौपाल पर पशुओं के अलावा कुछ नहीं दिखाई पड़ा। एकाध बुर्जुग दिखे तो भी उदास। पत्रिका टीम ने शुक्रवार को कई गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। किसानों व ग्रामीणों से बात की तो बोले अब क्या बताएं। म्हांकी कुण सुणसी। राम तो तकड़ो रूठ्यो इं बार। इब राज को ही आसरो है। अब खेत भी खाली, अंटी भी खाली किसानों के माथे पर भविष्य की चिंता की लकीरें गहरा गई है। किसी को बेटी के हाथ पीले करने का सपना टूटता दिख रहा था। किसी को खाने के दानों की व्यवस्था की मुसीबत का हल सता रहा था। कुल मिलाकर गांवों में हालात विकट हो चले हैं। ग्रामीण बोले 80 फीसदी फसलें पीली पड़ चुकी हैं। पशुओं के खाने के लिए घास बचा है। बड़ी आस से फसलें बोई। अच्छे जमाने के आसार थे। चिंता इस बात की है अकाळ पडऩे के बाद अब आगे क्या होगा। त्योहार, शादी ब्याह की बात तो दूर खाने के लिए दाने - दाने के मोहताज हो जाएंगे। क्या करें, ना करें समझ नहीं आ रहा। जो जमा पूंजी थी खेत की बुआई, निराई व गुड़ाई में खपा दी। अब खेत भी खाली और अंटी भी खाली है। क्रॉप कटिंग जल्दी हो तो राहत मिले गांवों में किसानों ने कहा कि फसलें तो बर्बाद हो चुकी है। कई किसान फसलों को समेट रहे हैं। जल्दी से क्रॉप कटिंग का सर्वे हो जाए तो सरकार की ओर से राहत मिले। अगर किसानों ने फसलें समेट ली तो वो भी नहीं मिलेगी। किसानों ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी हालात का जायजा लें। बुजुर्ग किसानों ने गिनाए अकाल के ये कारण - जनवरी से जुुलाई तक लगातार बरसात हो रही - क्लाइमेट में बदलाव प्रमुख वजह - बीते दस सालों में पहली बार अगस्त में पानी नहीं बरसा - इस साल समय समय पर हुई बारिश के चलते गर्मी कम पड़ी - पिछवाई हवा चलने से मिट्टी जल्दी सूखने से फसलें पीली पडऩे लगी