script

उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई ताला,ऊंटपालकों को लगा झटका

locationचुरूPublished: Jun 17, 2019 05:50:32 pm

Submitted by:

Madhusudan Sharma

रेगिस्तानी जहाज को राजकीय पशु घोषित करने के बाद भाजपा सरकार की ओर से उनके संरक्षण व ऊंट पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक लगा दी है।

churu news

उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई ताला,ऊंटपालकों को लगा झटका

चूरू. रेगिस्तानी जहाज को राजकीय पशु घोषित करने के बाद भाजपा सरकार की ओर से उनके संरक्षण व ऊंट पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक लगा दी है। योजना के चार साल पूरे होने पर अप्रेल से नए टोडियों के पंजीयन पर रोक लगा दी गई है। ज्ञातव्य हो कि योजना केवल चार साल के लिए लागू की गई थी। अब नई सरकार समीक्षा के बाद ही इसको आगे बढ़ाने या नहीं बढ़ाने का निर्णय लेगी। बहरहाल पंजीयन पर रोक लगने से ऊंट पालकों की उम्मीदों पर एक बार बड़ा झटका लगा है।
जिले में इतने ऊंटपालकों को लाभ मिला
भाजपा सरकार ने दो अक्टूबर 21016 को गांधी जयंती पर ‘ऊष्ट्र विकास योजनाÓ शुरू की थी। योजना पूरे राज्य में लागू हुई थी। योजना के तहत टोडिया (ऊंट का बच्चा) के जन्म पर ऊंट पालक को कुल 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी। इसका लाभ सभी वर्ग के ऊंट पालकों को दिया जा रहा था। दो अक्टूबर 2016 के बाद जिले में पैदा होने वाले 2007 टोडियों के लिए 11 करोड़, 63 लाख, तीन हजार रुपए ऊंट पालकों को दिए जा चुके हैं। पशु गणना 2012 के अनुसार चूरू जिले में 33887 ऊंट थे। 2018 की गणना हो चुकी है लेकिन अभी तक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।
तीन चरणों में दी जा रही राशि
टोडिया के जन्म के एक माह होने पर तीन हजार रुपए
नौ माह की उम्र पूरी करने पर तीन हजार रुपए
18 माह की उम्र पूरी करने पर चार हजार रुपए
अब तक पहली किस्त का भुगतान
जानिए प्रथम किस्त के भुगतान की स्थिति
वर्ष टोडिया किस्त प्रथम
2016-17 419 12.57
2017-18 821 24.63
2018 -19 767 23.01
2017-18 में द्वितीय किस्त का भुगतान
टोडिया राशि
818 24.54
(राशि लाखों में)

2018 -19 में दूसरी व तीसरी किस्त का भुगतान
किस्त टोडिया राशि
द्वितीय 454 13.62
तृतीय 449 17.96
(राशि लाखों में)
इनका कहना है
&31 मार्च 2019 तक जितने टोडियों ने जन्म लिया है उनके ऊंटपालकों को तीनों किस्त दी जाएगी। योजना के चार साल पूरे होने पर नए पंजीयन पर अस्थाई रोक है। पंजीकरण करने के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। यदि सरकार की तरफ से नए पंजीयन के आदेश मिलेगा तो शुरू कर दिया जाएगा।
डा. निरंजन चिरानिया, सहायक निदेशक, पशुपालन विभाग, चूरू

ट्रेंडिंग वीडियो