scriptThat's why 150 quintals of sugar was dumped in the well | इसलिए कुएं में डलवा दी थी 150 क्विंटल चीनी, रोचक है ये कहानी | Patrika News

इसलिए कुएं में डलवा दी थी 150 क्विंटल चीनी, रोचक है ये कहानी

locationचुरूPublished: Nov 20, 2022 11:06:50 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

जिला अपने अंदर इतिहास को समटे हुए है, यहां पर पुराने समय ऐसी घटनाएं हुई जिसे सुनकर लोग आज आश्चर्य करते हैं। गांव के गुवाड़ में आज भी लोग पुरातन समय इन घटनाओं व लोक मान्यताओं को सुनाते है।

इसलिए कुएं में डलवा दी थी 150 क्विंटल चीनी, रोचक है ये कहानी
इसलिए कुएं में डलवा दी थी 150 क्विंटल चीनी, रोचक है ये कहानी

चूरू. जिला अपने अंदर इतिहास को समटे हुए है, यहां पर पुराने समय ऐसी घटनाएं हुई जिसे सुनकर लोग आज आश्चर्य करते हैं। गांव के गुवाड़ में आज भी लोग पुरातन समय इन घटनाओं व लोक मान्यताओं को सुनाते है। जिले के रतनगढ़ तहसील में बसे हुए गांव सेहला में करीब 125 साल पहले कुछ ऐसी ही घटना हुई थी। गांव में बना पुराना कुआ इसका आज भी साक्षी है। जिसे ग्रामीण धरोहर की तरह सहेजे हुए हैं।सेहला गांव के जगदीश लोहिया ने बताया कि उस समय राजा-महाराजाओं का प्रभाव था। साहूकारों लोग व्यापार के लिए दूर तक यात्राएं किया करते थे। उनके साथ काफिला चला करता था, रात होने पर गांव के किसी बडे स्थान पर डेरा डालते थे। लोहिया ने बताया कि करीब 125 साल पहले साहूकार हिसार से चीनी लेकर आते थे। उस समय एक साहूकार करीब 50 ऊंटो पर ङ्क्षक्वटलों चीनी लेकर बीकानेर की तरफ जा रहे थे। लेकिन रात होने पर लूटपाट के भय के चलते साहूकार ने अपना पड़ाव विश्राम के लिए गांव सेहला के जोहड़ में डाल लिया था।
50 ऊंटों में लदी थी की क्विंटल चीनी
लोहिया ने बताया कि लोक मान्यता है कि साहूकार के पड़ाव के दौरान गांव के एक प्रभावशाली व्यक्ति के लोगों से उनकी कहासुनी हो गई। इस बात का जब व्यक्ति को पता चला तो उसने अपने लोगों को जोहड़ में भेजा। जिन्होंने करीब 50 ऊंटों पर लदी चीनी को जोहड़ के पास स्थित एक सार्वजनिक कुएं में डाल दी थी। बताया जाता है कि एक ऊंट पर करीब दो से तीन ङ्क्षक्वटल चीनी लदी हुई थी। कुछ चीनी तत्कालीन समय में गांव के प्रभावशाली व्यक्ति ने अपने निवास पर भी रखवा ली थी, जिसे बाद में ग्रामीणों में वितरित की गई थी।
बीकानेर शासक ने प्रभावशाली व्यक्ति को दिया था गांव निकाला
लोगों ने बताया कि साहूकार उसे समय के तत्कालीन बीकानेर शासक डूंगरङ्क्षसह के काफी करीबी थे। घटना के बाद साहूकार ने तत्कालीन बीकानेर शासक को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।इस पर तत्कालीन बीकानेर के शासक ने गांव के प्रभावशाली व्यक्ति को गांव निकाले का आदेश दिया था। बताया जाता है कि चीनी को कुएं में डलवाने वाले सेहला का प्रभावशाली व्यक्ति करीब तीन साल तक गांव जसरासर में रहा। बाद में अपने किसी परिचित को उसने बात करने के लिए बीकानेर शासक के पास भेजा। करीब तीन साल बाद बीकानेर के तत्कालीन शासक डूंगरङ्क्षसह ने गांव निकाले का आदेश निरस्त किया था।
कई वर्षों तक पीया मीठा पानी
ग्रामीण बताते है कि उस समय पेयजल का स्त्रोत केवल वही कुआ हुआ करता था। कुंए में ङ्क्षक्वटलों चीनी घुलने से पानी में मिठास भी घुल गई थी, वर्षों तक ग्रामीणों ने मीठा पानी पिया। उन्होंने बताया कि वक्त के साथ कुंए का जलस्तर गिरने लगा, करीब एक साल पहले प्राचीन कुएं को बंद कर दिया गया है। लेकिन घटना के बाद भी यह कुआ घटनाक्रम की यादों को आज भी ताजा कर देता है।

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