परिजनों ने नहीं लिया बुजुर्ग का शव, हारे का सहारा टीम ने किया अंतिम संस्कार
सुजानगढ़. कहने को लंबा-चौड़ा परिवार। मगर मृत्यु के बाद शव की भी सुध लेने वाला कोई नहीं। मानवता को शर्मसार करते इस घटनाक्रम के बीच उम्मीद की किरण बनी शहर में संचालित हारे का सहारा टीम। ऐसा ही नजारा बुधवार को उस समय देखने को मिला। हुआ यूं कि सुजानगढ़ निवासी 75 वर्षीय भंवरलाल सोनी की राजकीय अस्पताल में एक सप्ताह चले उपचार के बाद मौत हो गई। पुलिस व अस्पताल प्रशासन ने मृतक के परिजनों को सूचना दी। मगर कोईभी परिजन शव लेने नहीं पहुंचा। तब हारे का सहारा टीम व स्वर्णकार समाज के लोगों ने सरकारी अस्पताल से ही अर्थी तैयार कर शवयात्रा निकाली और नयाबास स्थित मोक्षधाम ले जाकर अंतिम संस्कार किया। हारे का सहारा टीम के लोगों ने ही मृतक को मुखाग्नि दी। अस्पताल के डा. एनके प्रधान ने मृत्यु का कारण वृद्धावस्था बताया। उपचार के दौरान भी भंवरलाल के किसी परिजन ने अस्पताल आकर उसकी कुलशक्षेम नहीं पूछी थी। अंतिम यात्रा में टीम के श्यामसुंदर स्वर्णकार, स्वर्णकार समाज अध्यक्ष अरविंद कड़ेल, महामंत्री प्रकाश मायछ, केशरदेव धूपड़, सुनील मौसूण, जगदीश मौसूण, विनोद कड़ेल, महेश भामा, वीरेंद्र मौसूण, बलराम तोसावड़, अशोक कठातला, अशोक सोनालिया, ओमप्रकाश, सत्यनारायण जोड़ा, निर्मल भूण, नानूराम माली व नारायण धूपड़ आदि शामिल थे।