चुरू

हल चलाने वाला अब नहीं जोड़ेगा हाथ: टिकेत

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मंगलवार को यहां गांधी विद्या मंदिर में स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के संख्या में किसानों ने भाग लिया।

चुरूFeb 23, 2021 / 09:17 pm

Madhusudan Sharma

हल चलाने वाला अब नहीं जोड़ेगा हाथ: टिकेत

सरदारशहर. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मंगलवार को यहां गांधी विद्या मंदिर में स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के संख्या में किसानों ने भाग लिया। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत केन्द्र सरकार व पूंजीपतियों पर जमकर बरसे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब हल चलाने वाला किसान किसी के आगे हाथ नहीं जोड़ेगा। केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोध में किसान नेता देशभर में जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन केवल हरियाणा और पंजाब राज्य का नहीं है बल्कि पूरे देश का आंदोलन है। उन्होंने उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान की सबसे प्यारी चीज जमीन है, ये उसी की लड़ाई है। लूटेरों के सरदार को दिल्ली से बाहर करना होगा। टिकेत ने कहा कि एक व्यक्ति को एक साल में सात सौ बार भूख लगती है। इस कानून के माध्यम से ये भूख का व्यापार करेंगे। अनाज तिजोरियों में बंद होगा। इसकी चाबियां मुम्बई और विदेशों में होगी। जब लोगों को भूख लगेगी तो रोटियों की कीमत तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस मंसूबे को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे खेत की मिट्टी को शरीर से स्पर्श कर घर के मंदिर में रखें। उसकी पूजा करें। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से न केवल गरीब व किसान प्रभावित होगा। बल्कि इसका असर व्यापारियों और आमजनता पर भी पड़ेगा। टिकेत ने कहा कि देश में चार करोड़ साप्ताहिक बाजार लगते हैं। विदेशी कंपनियों की मंशा है कि ये बाजार बंद हो। यदि ऐसा हुआ तो देश के करोड़ों लोग बर्बाद हो जाएंगे। विदेशी कंपनियां भी यही चाहती है। इसलिए किसान मिलकर आंदोलन को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने संकेत दिया कि अब ये आंदोलन थमने वाला नहीं है।
…तो कंपनियां दर्ज कराएगी किसानों पर मुकदमे
टिकेत ने महापंचायत में कहा कि सीड मिले बीज का कानून बहुत ही खतरनाक है। किसान किसी कंपनी का बीज लेकर खेत में डालेगा। जब फसल तैयार होगी तो कंपनी मालिक खेत पहुंचेगा। फसल पर अपना हक जताएगा। किसान नहीं मानेगा तो उनके खिलाफ थानों में मामले दर्ज कराए जाएंगे उन्हे गिरफ्तार करवाया जाएगा। इस स्थिति से बचने के लिए सभी को एकजुट होकर आंदोलन को मजबूती प्रदान करनी है।
आह्वान के साथ ही पहुंचे बॉर्डर पर
टिकेत ने कहा कि केन्द्र सरकार जाति और धर्म के बाद अब छोटे और बड़े किसान की बात कर बांटने की कोशिश में जुटी है। किसानों को इनकी साजिशों से बचना होगा। हमारे पंच और मंच वही रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब भी आह्वान किया जाए तो बोर्डर की तरफ कूच करना है। किसान की पगड़ी और सम्मान से समझौता मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि रोटी को बाजार की वस्तु नहीं बनने देंगे। भूख पर रेट तय नहीं होने देंगे, अनाज तिजोरी में बंद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की एक नजर खेत में तो दूसरी नजर आंदोलन पर होनी चाहिए।
225 किसान दे चुके शहादत
किसान नेता युद्धवीरसिंह ने कहा कि किसानों के आंदोलन को 90 दिन हो गए हैं। फिर भी केन्द्र सरकार के जूं तक नहीं रैंग रही है। इस आंदोलन में 225 से अधिक किसान शहादत दे चुके हंै। सरकार दो पंूजीपतियों के हाथ में देश को बेचना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी गलती को सुधार लो वरना केन्द्र सरकार वजूद खत्म कर देगी।
इन्होंने भी किया संबोधित
इस अवसर पर जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील, डूंगरगढ विधायक गिरधारीलाल महिया, तारानगर विधायक नरेन्द्र बुडानिया, राजगढ विधायक कृष्णा पूनियां, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, विधायक बलवान पूनियां, भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रामरतन सिहाग, पूर्व विधायक मकबूल मंडेलिया, सुमेरसिंह चौधरी, किसान सभा के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी, पालिकाध्यक्ष राजकरण चौधरी, चूरू सभापति पायल सैनी, पूर्व प्रधान रामकुमार मेघवाल, रणजीत सातड़ा, राजेन्द्र सूरा, पूर्व उप प्रधान ताराचन्द सारण, निवर्तमान मण्डी अध्यक्ष इन्द्राज सारण, डेयरी चेयरमैन लालचन्द मूंड, बीरबल सिद्ध, जगदीश धन्नावंशी, एडवोकेट पतराम जाखड़, विकास मंच के अध्यक्ष राजेन्द्र राजपुरोहित, महमूद खां, रामेश्वर पूनियां, भूमि विकास बैंक के चेयरमैन ईशरराम डूडी, सेवादल के जिलाध्यक्ष संजय दीक्षित, इन्द्राज खीचड़, रूस्तम खान, प्रो.डीसी सारण, किसान नेता बलदेव सारण, ओमकार बाली, कमला पूनियां, शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विजय पोटलिया, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष किशन सींवर, रामनिवास कुकणा आदि ने महापंचायत को संबोधित किया।
टिकेत को भेंट किया हल
इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने टिकेत को हल व माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस मौके पर टिकेत ने डेयरी चेयरमैन लालचन्द मूंड को भारतीय किसान यूनियन सरदारशहर का अध्यक्ष बनाया। इस अवसर पर जीवणराम मेघवाल, रामकृष्ण छिंपा, नन्दलाल सारण, मस्तान जिन्द्रान, रामचन्द्र पाण्डर, नन्दलाल पूनियां, मनफूल टांडी, जसवन्त स्वामी, हरिसिंह बेनीवाल, आदूराम न्यौल, सोहनराम जाखड़, कमला चौधरी, राजेश पारीक, बाबू खां आसलसर, डा.राहुल कस्वां, डा.हरलाल डूडी, मनफूल खां फोजी, प्रशान्त चाहर, सत्यनारायण मेघवाल, मोहरसिंह भांभू, ओमप्रकाश मूंड, विशाल जाखड़, किशनलाल तेतरवाल, शंकरलाल तेतरवाल उपस्थित थे। संचालन एडवोकेट निर्मल प्रजापत व रामरतन सिहाग ने किया।

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