चुरूPublished: Jan 29, 2020 10:56:46 am
Madhusudan Sharma
तहसील क्षेत्र के एक मात्र सिधमुख नहर परियोजना वर्षों से पूरा होने का इंतजार कर रही है। लेकिन नेताओं की अनदेखी तथा विभाग की लापरवाही के चलते वर्शों से पूर्व प्रस्तावित सिधमुख नहर परियोजना पूर्ण होने का नाम नहीं ले रही है।
नहर की हकीकत, कागजों में बह रहा पानी
सादुलपुर. तहसील क्षेत्र के एक मात्र सिधमुख नहर परियोजना वर्षों से पूरा होने का इंतजार कर रही है। लेकिन नेताओं की अनदेखी तथा विभाग की लापरवाही के चलते वर्शों से पूर्व प्रस्तावित सिधमुख नहर परियोजना पूर्ण होने का नाम नहीं ले रही है। आरटीआई से आई सिधमुख नहर की हकीकत सामने तथा कागजों में बह रहा है पानी। परिस्थति के चलते नहर के नाम पर वोट बटोरने वाले नेताओं का असली चेहरा सामने आ गया है। आरटीआई कार्यकर्ता एवं समाजसेवी एडवोकेट हरदीप सुंदरिया की ओर से आर्रटीआई में संबंधित विभाग ने खुलासा किया है कि इस परियोजना के अधीन क्षेत्र के 14 गांवों का कुल 4358 हैक्टेयर रकबा सिंचित कंमांड एरिया में शामिल है। वर्शों से प्रस्तावित इस रकबे में से अभी तक मात्र 1322 हैक्टेयर क्षेत्र में इस योजना का काम पूर्ण हो पाया है। जबकि 3036 हैक्टेयर रकबा में अभी भी चकबंदी व खाळा निर्माण की बाट देख रहा है। अधिषाशी अभियंता जल संसाधन खण्ड भादरा स्वीकार किया है कि वर्श 2019-20 में रबी व खरीफ फसल की सिंचाई के लिए भाखड़ा व्यास प्रबंध बोर्ड की ओर से सिधमुख नहर सहित सभी नहरों में निर्धारित पानी वरियता क्रम से दिया जा रहा है। सिधमुख नहर परियोजना के क्रियान्वयन के लिए अधिषाशी अभियंता का पद खाली नहीं है, पद पर सुखमहेन्द्र सिंह कार्यरत हैं। गौरतलब है कि सिधमुख नहर का अधूरा निर्माण पूर्ण नहीं होने के कारण क्षेत्र के लोगों को भारी परेषानी उठानी पड़ रही हैै। जबकि गांव गालड़, रेजड़ी, किषनपुरिया, रामसरा टिब्बा, टुण्डाखेड़़ी, तांबाखेड़़ी, ढाणी बड़़ी, सरदारपुरा, सादपुरा, भीमसाणा, राजपुरिया, धांगड़ा, सिधमुख तथा रामसराताल नहर से जुड़े गांव हैं तथा इन गांवों के ग्रामीणों को विभाग की ओर से आवंटित पानी वर्षों से भादरा थाना क्षेत्र में चोरी हो रहा है।