SALASAR BALAJI NEWS- जो वेदों और पुराणों का उद्बोधन करता है वह संत- रामभद्राचार्य
चुरूPublished: Jan 17, 2023 12:55:36 pm
चूरू.सालासर. श्री बालाजी गौशाला के पास हनुमान वाटिका में चल रहे नौ दिवसीय 1008 कुंडीय महायज्ञ व श्री राम कथा के पांचवे दिन संत रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि गोस्वामी जी ने संत किसे बताया है जो वेदों और पुराणों का उद्बोधन करता है। हमे भोजन कम करना चाहिए और भजन अधिक करना चाहिए। भगवान के भजन का कभी अभाव नहीं होता है।


SALASAR BALAJI NEWS- जो वेदों और पुराणों का उद्बोधन करता है वह संत- रामभद्राचार्य
श्रीबालाजी गौशाला के पास हनुमान वाटिका में 1008 कुंडीय महायज्ञ व श्री राम कथा का पांचवां दिन
चूरू.सालासर. श्री बालाजी गौशाला के पास हनुमान वाटिका में चल रहे नौ दिवसीय 1008 कुंडीय महायज्ञ व श्री राम कथा के पांचवे दिन संत रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि गोस्वामी जी ने संत किसे बताया है जो वेदों और पुराणों का उद्बोधन करता है। हमे भोजन कम करना चाहिए और भजन अधिक करना चाहिए। भगवान के भजन का कभी अभाव नहीं होता है।
शरीर नष्ट हो सकता है परंतु भजन कभी नष्ट नहीं होता है ज्ञानी किसे कहते हैं वो जो नित्य भजना करता हो। रामचरितमानस जैसा पूर्ण ग्रंथ मैने अभी तक नहीं देखा है। संत ने उपस्थित सभी श्रोताओं से कहा कि आप प्रतिदिन रामचरित मानस सुंदरकांड का पाठ कीजिए आपका जीवन ही बदल जाएगा। सुंदरकांड के चरित्र में हनुमान जी के आठ अध्याय है। भगवान राम की महिमा ऐसी है कि हनुमान जी ने राम की कृपा से सोने की लंका जला दी। जब जीवन में विशिष्टव आता है तब आदमी साधुत्व में आता है। भगवान शिव ही पाणिनि के रूप मे प्रकट हो गए हैं ऐसा मानिए। परम राम भक्त है पाणिनि। हनुमान जी जानते थे रावण सीता जी का हरण कर लाया है। इसलिए सीता को रावण दो ही स्थान पर निवास दे सकता है या तो मंदिर या वन में। रावन के द्वारा बनाए गए महाकाल मंदिर में हनुमान जी सीता जी को खोजने गए लेकीन वहा पर माता सीता नहीं मिली। विभीषण के घर में बने हरि मन्दिर में भी नहीं मिली माता। जब सीता माता की खोज में हनुमान जी ब्राह्मण का रूप धारण कर विभिषण के नगर में गए। विभिषण ने हनुमान जी से कहा कि लंका में तुम आ गए इससे लगाया है कि तुम कोई भगवान का रूप हो। जिसके चरणों में बैठने से समस्याओं का समाधान हो जाए, संसार की समस्याओं से मुक्त हो जाए उसे संत कहा जाता है। हनुमान जी ने विभिषण से कहा कि आप मुझे माता से मिला दो में आपके पिताजी से मिला दूंगा। जिसके बाद विभिषण ने हनुमान जी से कहा कि आप अशोक वाटिका में चले जाए वहा पर माता सीता जी के आपके दर्शन हो जायेंगे। इसके अलावा रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां हर रोज अलग अलग कलाकारों द्वारा दी जा रही है।
रैवासा पीठाधीश्वर श्री राघवाचार्य महराज, रूकनसर के महंत कैलाशनाथ, महंत गुलाबनाथ महाराज, विकासनाथ महाराज, दिव्य चैतन्य ब्रह्मचारी संपूर्णानंद वाराणसी, साधु भद्रेसदास महाराज गुजरात सहित अनेक संत उपस्थित थे। मुरलीधर पुजारी व सत्यभामा पुजारी मुख्य यजमान रहे। इसके अलावा काग्रेस जिलाध्यक्ष भंरवाल पुजारी, भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मवीर पुजारी, किशन पुजारी, रामपाल ढाका, मनोज शर्मा, नागरमल पुजारी सहित अनेक लोगों ने माला पहनाकर महंत का स्वागत किया।