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यहां गली-गली में है मयखाने, छलकते हैं जाम

locationचुरूPublished: Jan 19, 2021 04:45:47 pm

Submitted by:

Madhusudan Sharma

क्षेत्र के सैकड़ों गांव अवैध शराब के ठिकाने बन गए है और गली-गली मयखाने में तब्दील नजर आ रही है। यह सब जिम्मेदारों की नाक के नीचे हो रहा है।

यहां गली-गली में है मयखाने, छलकते हैं जाम

यहां गली-गली में है मयखाने, छलकते हैं जाम

सुजानगढ़. क्षेत्र के सैकड़ों गांव अवैध शराब के ठिकाने बन गए है और गली-गली मयखाने में तब्दील नजर आ रही है। यह सब जिम्मेदारों की नाक के नीचे हो रहा है। जीली गांव के पास एक छोटे गांव में गत वर्षो ंजहरीली शराब से दो जनों की मृत्यु हो गई जबकि एक अंधा (नैत्रहीन) हो गया जो अभी जहरीली शराब की पीड़ा भोग रहा है। वजह यहां भी बड़े पैमाने पर अवैध शराब बनाकर खपाई जा रही है। अनेक गांव ऐसे हंै जहां अवैध शराब की छिटपुट फैक्ट्रियां संचालित है, लेकिन न आबकारी महकमा कोई कार्रवाही नहीं करता है। कभी-कभार टारगेट पूरा करने के लिए सिर्फ वॉश नष्ट कर इतिश्री कर दी जाती है। गली मौहल्ले में न सिर्फ खुलेआम देशी शराब बिक रही है, बल्कि ग्रामीण अंचल के खेतों में ही फैक्ट्री लगाकर नकली शराब तैयार की जा रही है। गनोड़ा, लालपुरा, चारियां, आबसर, छापर, सांडवा, तेहनदेसर, गुडावड़ी, लोढ़सर, गेडाप, बाघसरा, गोपालपुरा, खुड़ी, शोभासर, जीली, मानपुरा सहित पांच दर्जन से अधिक ऐसे स्थान हैं, जहां अंग्रेजी व देशी शराब रातभर आसानी से मिलती है। घटती कार्रवाईआबकारी विभाग की सुस्ती का एक उदाहरण यह भी है कि वर्ष 2018-19 में 40 मामले दर्ज किए गए जबकि वर्ष 2019-20 में 34 प्रकरण अवैध शराब के बनाए गए लेकिन वर्ष 2020-2021 (नवम्बर तक) 30 ही मामले बनाए गए। इससे जाहीर होता है कि आबकारी विभाग ने अवैध शराब के खिलाफ दिलचस्पी ज्यादा नहीं ली है। दलित बस्तियों में है ब्रांचस्थानीय आबकारी विभाग ने 15 जनवरी 2020 को एक गांव में फैक्ट्री पकड़ी जहां पर स्प्रीट व नकली शराब भी मिली थी व एक जने को मौके से गिरफ्तार किया। ऐसी कई फैक्ट्री पश्चिमी क्षेत्र में ओर भी हो सकती है लेकिन आबकारी विभाग के जिम्मेदार पड़कने की कोशिश भी नहीं करते। हद तो यह हो गई कि सुजानगढ़ सरकारी कॉलेज के पास एक वैध दुकान में 100 रुपए में चार पव्वे बिक रहे हंै जो एमआरपी से भी कम है अर्थात नकली शराब से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन जिम्मेदार चुप है।
इनका-कहना-
अवैध शराब को लेकर चाहे हथकड़ हो या ब्रांच हो उन सभी पर सूचना मिलने पर कार्रवाही की जाती रही है व की जाती रहेगी। अभियान के दौरान 8-9 मामले बनाए है।
संजीव पटावरी, जिला आबकारी अधिकारी चूरू।

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