scriptदुकानों पर नहीं है रेट लिस्ट, लुट रहे शराब खरीददार | There is no rate list at shops, liquor buyers are being looted | Patrika News

दुकानों पर नहीं है रेट लिस्ट, लुट रहे शराब खरीददार

locationचुरूPublished: Dec 01, 2020 02:00:06 pm

Submitted by:

Madhusudan Sharma

आबकारी विभाग के अनुज्ञापत्र धारी दुकाने निर्धारिट रेट से ज्यादा कीमतों में शराब बेच रहे हैं लेकिन रोकथाम व कार्रवाई करने के जिम्मेदारों की अनदेखी या मेहरबानी शराब खरीदने वालों की जेब जरूरत से ज्यादा खाली हो रही है।

दुकानों पर नहीं है रेट लिस्ट, लुट रहे शराब खरीददार

दुकानों पर नहीं है रेट लिस्ट, लुट रहे शराब खरीददार

सुजानगढ़. आबकारी विभाग के अनुज्ञापत्र धारी दुकाने निर्धारिट रेट से ज्यादा कीमतों में शराब बेच रहे हैं लेकिन रोकथाम व कार्रवाई करने के जिम्मेदारों की अनदेखी या मेहरबानी शराब खरीदने वालों की जेब जरूरत से ज्यादा खाली हो रही है। शराब दुकान संचालक विभागीय नियम-कायदों को धत्ता बता रहे हैं और नियमों की पालना कराने वालों की उदासीनता से के चलते शराब के खरीददार लुट रहे हैं। खास बात यह है कि खरीदार भी यह जानने के बावजूद अधिक कीमत वसूली की शिकायत करने को आगे नहीं आ रहे है। गांवों में यह ज्यादा कीमत की वसूली कुछ ज्यादा हो रही है क्योंकि जब शहरी दुकानों की सख्ती से जांच पड़ताल जिम्मेदारों की ओर से नहीं हो पाती है। पत्रिका टीम ने क्षेत्रों की शराब दुकानों को जाकर देखा तब एक भी शराब दुकान पर मूल्य सूची अंकित नहीं मिली और न ही मूल्य सूची का बोर्ड टंगा मिला। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पियक्कड़ों की जेब किस तरह काटी जा रही है। गनोड़ा तिराहे पर स्थित शराब दुकान से एक व्यक्ति ने पत्रिका प्रतिनिधि के सामने ही शराब खरीदी जिस पर 85 रुपए अंकित थी लेकिन दुकान संचालक ने 110 रुपए वसूले। खरीदने वाले ने आपत्ति भी की लेकिन अनसुना कर दिया। इसी प्रकार जीली तिराहे की दुकान पर नाम न छापने की शर्त पर वहीं खड़े व्यक्ति ने बताया कि किसी पव्वे के 25 और किसी के 20 रुपए प्रिंट रेट से अधिक वसूले जा रहे हैं। यह व्यक्ति इस गांव का नहीं था। इसलिए उसने यह भी बताया कि गेडाप से खरीदी शराब के 30 से 40 रुपए प्रिंट रेट से ज्यादा लिए गए।

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