scriptइसलिए हटाई दो साल पुराने सर्टिफिकेट की बाध्यता | Therefore, the obligation of two years old certificate was removed | Patrika News

इसलिए हटाई दो साल पुराने सर्टिफिकेट की बाध्यता

locationचुरूPublished: Mar 01, 2021 10:19:19 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नवीन चरण में लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करने और अस्पतालों के योजना से जुडऩे की प्रक्रिया को और सुगम बनाने के लिए प्रावधानों में आंशिक बदलाव किया गया है।

इसलिए हटाई दो साल पुराने सर्टिफिकेट की बाध्यता

इसलिए हटाई दो साल पुराने सर्टिफिकेट की बाध्यता

चूरू. आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नवीन चरण में लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करने और अस्पतालों के योजना से जुडऩे की प्रक्रिया को और सुगम बनाने के लिए प्रावधानों में आंशिक बदलाव किया गया है। चूरू के 19 सरकारी तथा निजी अस्पताल जुड़ चुके हंै। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशों के अनुसार योजना से जुडऩे के लिए निजी अस्पताल का दो वर्ष से लगातार कार्यरत होना अनिवार्य शर्त है। जिसके प्रमाण के रूप में अस्पताल को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दो वर्ष पुराना सर्टिफिकेट मांगा
जाता था।
यह प्रावधान किया अब
इसमें आंशिक बदलाव करके यह प्रावधान किया गया है कि नाम और स्वामित्व बदले बिना अगर कोई अस्पताल अपना स्थान परिवर्तन कर रहा है तो उसे पुराने और नए दोनों स्थान की समयावधि को मिलाकर कार्यरत समय माना जाएगा। इसलिए उसे सभी जरूरी दस्तावेज और घोषणा पत्र विभाग को देना होगा।
बेड संख्या की अनिवार्यता
योजना से जुडऩे वाले अस्पताल की कुल बेड संख्या की अनिवार्यता में भी आंशिक बदलाव कर आंखों और ईएनटी अस्पताल में न्यूमतम बेड संख्या को 30 से घटाकर 10 कर दी गई है। इससे इस श्रेणी के अस्पताल अब और ज्यादा योजना से जुड़ पाएंगे और लाभार्थियों को लाभ मिल पाएगा।
इसे भी करेंगे स्वीकार
अब राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अस्पताल के पास अगर दो साल पुराना सर्टिफिकेट उपलब्ध न हो तो नवीन सर्टिफिकेट के साथ योजना के पूर्ववर्ती चरण में, जननी सुरक्षा योजना में, सीजीएचएस, एक्स सर्विसमैन कॉन्ट्रीब्यूटरी स्कीम, राज्य बीमा और भविष्य निधि विभाग में से किसी भी एक योजना से कम से कम दो साल जुड़े होने का प्रमाण प्रस्तुत करने पर भी उसे विकल्प के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। यह देखने में आया था कि कई बार हॉस्पिटल की जगह परिवर्तित होने पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सर्टिफिकेट उसको नए सिरे से जारी होता था, जिससे दो साल से कार्यरत होने की अनिवार्य शर्त से निजी अस्पताल योजना से जुडऩे से वंचित रह जाता था।
यह भी दे पाएंगे सेवाएं
उन्होंने बताया कि योजना से जुडऩे वाले अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सको का राजस्थान मेडिकल काउंसलिंग से रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है परंतु अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे ऐसे चिकित्सक, जिनकी सर्टिफिकेट अवधि समाप्त हो चुकी है अथवा नए के लिए जिसने आवेदन किया है, वो भी अपनी सेवाएं दे पाएंगे परन्तु अगले तीन माह में उनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट विभाग को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार के प्राप्त निर्देशो के तहत स बंधित अस्पताल को एक घोषणा-पत्र और रजिस्ट्रेशन के लिए चिकित्सक द्वारा किया गया आवेदन पत्र विभाग को प्रस्तुत करना होगा।
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