CHURU NEWS- टारगेट पूरा करने के लिए एफडी की जगह म्यूच्युअल फंड में डाल दी राशि

चूरू. लाडनूं. स्टेट बैंक में एक संत के साथ बैंककर्मियों द्वारा एफडी रिन्यू करने के स्थान पर उनके ६ लाख रुपए म्यूच्यल फंड में इनवेस्ट करने का मामला शुक्रवार को प्रकाश में आया। ग्राम गौराऊ स्थित पीथलदेव मंदिर के संत रामदास महाराज पुत्र हीरालाल मंदिर में रहकर सेवा पूजा करते हैं। उन्होंने भक्तों द्वारा दी गई उपहार राशि करीब 6 लाख रुपए बैंक में जमा थी।

<p>CHURU NEWS- टारगेट पूरा करने के लिए एफडी की जगह म्यूच्युअल फंड में डाल दी राशि</p>
संत करवाने गए एफडी रिन्यू कराने और बैंक कार्मिकों ने निवेश करवा दिया म्यूच्युअल फंड में
शिकायत की तो १० दिन में खाते में राशि आने का दिया आश्वासन: फिर भी नहीं आई राशि
चूरू. लाडनूं. स्टेट बैंक में एक संत के साथ बैंककर्मियों द्वारा एफडी रिन्यू करने के स्थान पर उनके ६ लाख रुपए म्यूच्यल फंड में इनवेस्ट करने का मामला शुक्रवार को प्रकाश में आया। ग्राम गौराऊ स्थित पीथलदेव मंदिर के संत रामदास महाराज पुत्र हीरालाल मंदिर में रहकर सेवा पूजा करते हैं। उन्होंने भक्तों द्वारा दी गई उपहार राशि करीब 6 लाख रुपए बैंक में जमा थी। करीब ३ वर्ष पूर्व उन्होंने लाडनूं के एसबीआई बैंक में ३-३ लाख की दो एफडी बनवाई थी। जो गत १४ नवम्बर को मेच्योर हो गई। इस पर रामदास महाराज बैंक की राहूगेट स्थित शाखा में एफडी रिन्यू करवाने के लिए गए। पहले तो बैंक कर्मचारियों ने संत को अलग अलग काऊंटर के चक्कर कटवाए, अंत में वे निराश हो गए। तब उप शाखा प्रबंधक मुकेश कुमार शर्मा उन्हें अपने चैम्बर में ले गए। चैम्बर में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था। शर्मा के निर्देश पर वहां बैठे अन्य व्यक्ति ने रामदास महाराज से कागज पर दो-तीन स्थानों पर साईन कराए व अन्त में उन्हें म्यूच्युअल फंड में धनराशि निवेश की रदसीद देकर रवाना कर दिया। महाराज ने बताया कि रसीद को उन्होंने अपने परिचितों को दिखाया कि एफडी रिन्यू हो गई। उन्होंने बताया कि महाराज ये एफडी की रसीद नहीं है यह तो आपने अपनी जमा राशि म्यूच्युअल फंड में निवेश कर दी है। इस पर वे तुरन्त पुन: बैंक शाखा गए और इसकी शिकायत लेकर बैंक पहुंचे। वहां उपशाखा प्रबंधक ने कहा कि आपको यदि इसमें धनराशि नहीं रखनी है तो आपके खाते में १० दिनों में धनराशि वापस आ जाएगी। महाराज को विश्वास दिलाने के लिए उपशाखा प्रबंधक ने यह बात लिखकर बैंक की मोहर लगाकर दी। १० दिन की अवधि पूर्ण होने पर वे बैंक में पहुंचे तो उनके खाते में राशि नहीं आई। वह शाखा प्रबंधक मनोज मीणा से मिले तथा अपनी धनराशि लौटाने की फरियाद की लेकिन आज भी उन्हें किसी प्रकार का संतोषप्रद जवाब नहीं मिल पाया। मामले की जानकारी मिलने पर पूरी पड़ताल करने पर पता चला कि एसबीआई बैंक में पिछले लम्बे समय से इस प्रकार से लोगों का पैसा अपने निजी स्वार्थ के चलते म्यूच्युअल फंड में निवेश करवाने का गोरखधंधा चल रहा है।
टारगेट पूरा करने के लिए कर रहे ऐसा
एसबीआई इंश्योरेंस द्वारा निवेश पर दिया जाने वाला कमीशन एसबीआई बैंक को मिलता है। इसी कारण उच्चाधिकारियों से लेकर शाखा स्तर के अधिकारियों पर एसबीआई इंश्योरेंस में निवेश के लिए टारगेट दिए जाते हैं। जिन्हें पूरा करने पर सभी को कमीशन भी मिलता है। इसी कमीशन के चक्कर में उपभोक्ताओं को एफडी की बजाय म्यूच्युअल फंड/बांड आदि में निवेश करने के लिए बैंक कार्मिक जहोजद्द में लगे रहते हैं और इसका नुकसान असाक्षर अथवा अल्पसाक्षर उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है।
इनका कहना है
रामदास पुत्र हीरालाल के रुपए बैंक में एफडी के स्थान पर एसबीआई इंश्योरेंस में निवेश करने के मामले की जानकारी है। उनके फंड रिटर्न की रिक्वेस्ट भी डाल दी गई है। अतिशीघ्र उनकी धनराशि उनके खाते में जमा हो जाएगी। एसबीआई इंश्योरेंस के जितेन्द्र टेलर लाडनूं शाखा में अपना व्यवसाय कर सकते हैं। उनका ब्रांच में रहना गलत नहीं है।
मनोज कुमार मीणा, ब्रांच मैनेजर, एसबीआई बैंक, लाडनूं
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