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Urdu toper : टैक्सी चालक का बेटा उर्दू विषय में राजस्थान का टॉपर

locationचुरूPublished: Feb 11, 2020 10:29:14 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

कहते हैं कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो लेकिन लक्ष्य पाने का जुनून हो तो सब कार्य सधते चले जाते हैं और तकदीर भी उनका पूरा साथ देती है। मेहनत और तकदीर दोनों ने चूरू के वार्ड12 निवासी अलतीफ का भी साथ दिया है।

Urdu toper : टैक्सी चालक का बेटा उर्दू विषय में राजस्थान का टॉपर

Urdu toper : टैक्सी चालक का बेटा उर्दू विषय में राजस्थान का टॉपर

चूरू. कहते हैं कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो लेकिन लक्ष्य पाने का जुनून हो तो सब कार्य सधते चले जाते हैं और तकदीर भी उनका पूरा साथ देती है। मेहनत और तकदीर दोनों ने चूरू के वार्ड12 निवासी अलतीफ का भी साथ दिया है। इस होनहार युवक ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा-2018 में प्रदेश में उर्दू विषय में प्रथम स्थान हासिल कर न केवल जिले का बल्कि प्रदेश का मान बढ़ाया है। अलतीफ हर उन युवाओं के लिए मिसाल है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं। इनके पिता रफीक खान मोयल खान ऑटो रिक्शा चलाते हैं। होनहार ने बताया कि पिता हमेशा पढ़ाई करने के लिए ही प्रेरित करते रहे। परिवार की आर्थिक तंगी भी अलतीफ को रोक नहीं पाई और उसने ये मुकाम हासिल कर लिया। उसने बताया कि पहले भी प्रयास किया था।
जिसमें वह 12 नंबरों से रह गए थे लेकिन 2018 में फिर भर्ती निकली और उसमें कड़ी मेहनत के साथ भाग्य आजमाया। इस परीक्षा में उर्दू विषय के 117 पदों के लिए अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जिसमें चूरू के होनहार लाडले अलतीफ ने प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन कर दिया है। उसके प्रदेश में प्रथम स्थान आने पर राजस्थान अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव शमशेर भालू खां ने अल्पसंख्यक समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। गौरतलब है कि चूरू निवासी अहमद रजा ने वर्ष 2014 की द्वितीय श्रेणी उर्दू शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी राजस्थान में प्रथम वरीयता प्राप्त कर चूरू का मान बढ़ाया था।


सुबह करता था पांच घंटे तैयारी
अलतीफ ने बताया कि वह सुबह के समय लगातार करीब पांच घंटे अध्ययन करता था। रात को केवल तीन घंटे ही पढ़ाई को दे पाता था। विषय की पढ़ाई के साथ-साथ सामान्य का अध्ययन भी स्वयं ही किया है।


राजस्थान पत्रिका भी बना मददगार
होनहार अलतीफ ने बताया कि इस भर्ती परीक्षा में पत्रिका का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसमें आने वाली सत्यपरक जानकारियों ने बहुत कुछ सीखने के लिए पे्ररित किया है। उसने बताया कि पत्रिका उनके यहां तीन साल से लगातार आ रहा है।


शुरू से है होनहार
अलतीफ अपने पिता के इकलौते पुत्र हैं। उसने बताया कि आठवीं तक निजी विद्यालय में अध्ययन किया। इसके बाद कक्षा नौ से लेकर 12 तक उसने राजकीय बागला उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की है। 12वीं कक्षा भी उसने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है। क्रिकेट खेलने का शौकिन अलताफ अब व्याख्याता बनना चाहता है। उसने युवाओं को संदेश दिया कि सफलता के लिए शॉर्टकट ना अपनाएं बल्कि लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करें।

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