lock-down- नेटवर्क कमजोर होने से डाउनलोड नहीं होते वीडियो
चुरूPublished: May 01, 2020 09:44:34 pm
कोरोना महामारी एवं लोकडाउन के चलते घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई में कहीं खुशी-कहीं गम दिखाई दे रहा है। वहीं कुछ अभिभावक स्कूल के इस नए परिवर्तन से प्रभावित हैं । लेकिन कुछ ऐसे अभिभावक भी हैं, जो इस सुविधा को अपने बच्चों को नहीं दे पा रहे हैं।
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सादुलपुर (चूरू) कोरोना महामारी एवं लोकडाउन के चलते घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई में कहीं खुशी-कहीं गम दिखाई दे रहा है। वहीं कुछ अभिभावक स्कूल के इस नए परिवर्तन से प्रभावित हैं । लेकिन कुछ ऐसे अभिभावक भी हैं, जो इस सुविधा को अपने बच्चों को नहीं दे पा रहे हैं। सबके अपने अलग-अलग कारण हैं। पत्रिका ने गुरुवार को शहरी क्षेत्र सहित गांव चांदगोठी, मामराज का बास, गोविंद सिंह का बास, थिरपाली, नूहंद, नीमा, लंबोर, गुलपुरा आदि से जाना कि जो स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं, उनसे विद्यार्थियों को कितना फायदा मिल रहा है। जिस पर अभिभावकों एवं विद्यार्थियों ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई से बहुत समस्या आ रही है। स्कूल से भेजे गए वीडियोज नेटवर्क कमजोर होने से डाउनलोड होने में समय लगता है, ऐसे में कई बार पढ़ाई भी नहीं हो पाती है। अभिभावकों से बात हुई, जिनके घर में दो या तीन से अधिक बच्चे स्कूल जा रहे हों एवं घर में एक ही एंड्रॉयड फोन है। ऐसे परिवार के विद्यार्थियों के लिए भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अभिभावक संदीप कुमावत की तीन पुत्रियां हैं। लेकिन घर में एक ही फोन हैं तथा तीनों ही पुत्रियां अलग-अलग कक्षाओं में हैं। उन्हें पढऩे में तथा स्कूल की ओर से भेजे गए वीडियोज, गृह कार्य में परेशानी आती है। इसके अलावा ऐसे भी अभिभावक हैं, जो बीपीएल हैं। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। ऐसे अभिभावकों के विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं। अभिभावक सुखवीर निवासी बासगोविंद सिंह का कहना है कि उसका बेटा व बेटी स्कूल जाते हैं। लेकिन फोन नहीं होने की वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
इनकी जुबानी
अभिभावक रणवीर शेखावत, मनोज मेघवाल, राजेन्द्र ओला का कहना है कि पढ़ाई के कारण बच्चे खेलों में समय नहीं दे पाते हैं तथा पढ़ाई से जुड़े रहते हैं तथा ऑनलाइन शिक्षा बेहतर भविष्य का विकल्प है। नूहंद स्थित निजी स्कूल की संस्था प्रधान बाला काजला ने बताया कि बीपीएल परिवार, जो खाद्य योजना से जुड़े हुए हैं, उनको राशन मिल रहा है। ऐसे परिवारों को सरकार एंड्रायड फोन भी उपलब्ध करवाएं एवं डाटा का रिचार्ज करने की व्यवस्था करें। ताकि समाज में एक जागरुकता आ सकती है। मोबाइल डाटा सस्ता हो। गांव-गांव में नेटवर्क सही ढंग से चले। तभी यह नया प्रयोग सफल हो सकेगा।