फिलहाल डंपिंग यार्ड पर छांटा जाएगा कचरा
नगर परिषद की ओर से इस योजना पर अमल होने के बाद घरों से प्रतिदिन एकत्रित होने वाली री-साइकिल करने योग्य कचरा पृथक्कीकरण का काम भी डंपिंग यार्ड पर ही शुरू हो रहा है। यहीं पर कचरे को बीन कर पुन:चक्रण योग्य यानी री-साइकिल किए जाने योग्य कचरा अलग किया जाएगा। जैसे प्लास्टिक, पेपर, धातुएं, कांच जैसा नगरीय कचरा।
इसके अलावा किचन वेस्ट यानी सब्जियों-फलों के छिलके या खराब हिस्सा, सब्जी और फल मंडियों से आने वाला कचरा भी अलग किया जाएगा, ताकि उसे तुरंत ही कंपोस्ट के लिए बनाए गए संयंत्र (Compost Plant ) में डाल कर खाद बनाई जाए।
कबाडिय़ों का भी होगा रजिस्ट्रेशन
इसी कड़ी में नगर परिषद ( Churu Nagar Parishad) ने यह योजना भी बनाई है कि कचरा पृथक्कीकरण के लिए कबाडिय़ों और कचरा बीनने वालों से संपर्क किया जाएगा। ताकि री-साइकिल योग्य कचरा छंटवा कर उनके मार्फत अन्य प्लांटों को भेजा जा सके। गौरतलब है कि पिछले साल पहली बार नगर परिषद ने अपनी पहली खेप 1170 किलो प्लास्टिक कचरा स्वच्छ भारत मिशन के निर्देशानुसार नीमराणा की सीमेंट फैक्ट्री में भेजा था। कोशिश यह है कि यहां डंपिंग यार्ड से भी सीमेंट फैक्ट्री में ईंधन बनने में काम आने योग्य कचरा छंटवा कर भेजा जा सके, ताकि अधिकांशत: आसपास के खेतों में उड़ कर जाने वाला यह कचरा इलाके को बंजर करने के बजाय सही तरीके से उपयोग में लाया जा सके।
नगर परिषद शीघ्र लगाएगी बॉटल कलेक्शन सेंटर
पानी की बोतलों और अन्य दूसरी प्लास्टिक की बोतलों से चूरू को आजाद कराने की मुहिम में चूरू नगर परिषद एक आकर्षक योजना शुरू करने जा रही है। जानकारी के मुताबिक परिषद शीघ्र ही जगह-जगह पर बॉटल कलेक्शन सेंटर व बॉटल क्रश करने वाली मशीनें स्थापित करने जा रही है। बताया जाता है कि प्लास्टिक मुक्त चूरू को लेकर पिछले दिनों जिला कलक्टर संदेश नायक और नगर परिषद की चेयरमैन पायल सैनी के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें इस तरह के नवाचार पर चर्चा हुई थी कि क्यों न लोगों को कुछ आकर्षक ऑफर्स के जरिए इस मुहिम की ओर आकर्षित किया जाए कि लोग खुद ही इस पहल का हिस्सा बनें।
इसी में तय किया गया कि चूरू नगर परिषद की सीमा में आने वाली जनता को यह संदेश दिया जाए कि अगर वह नगर परिषद के कलेक्शन सेंटर्स पर प्लास्टिक की बोतलें, प्लास्टिक के कैरी बैग्स आदि जमा कराएंगे, तो उन्हें बाल्टी या डस्टबिन जैसा कुछदेकर उत्साहित किया जा सकता है। इस योजना का खाका क्या होगा, कितनी बोतल या प्लास्टिक के कैरीबैग्स देने पर यह उपहार मिलेगा, इसका खुलासा अगले कुछही दिनों में नगर परिषद की ओर से किए जाने की योजना है। नगर परिषद की योजना है कि इसके जरिए एकत्रित होने वाली प्लास्टिक को सीमेंट फैक्ट्री भेजा जाए, ताकि वहां ईंधन के रूप में इसका उपयोग भी हो जाए और यह दोबारा से फिर नागरिक उपयोग में न आ सके।