चुरू

बढ़ती गर्मी के साथ गहराया जल संकट

गर्मी के चढ़ते तेवर से बढ़ती पाने के पानी की मांग को ध्यान में रखते हुए साहवा क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था सुधारने में लगे जलदाय विभाग ने साहवा से जुड़ी ढाणियों, राधेश्याम मन्दिर तथा साहवा ललानियां की मुख्य पेयजल पाइप लाइन से 11 अवैध कनेक्शन हटा दिए।

चुरूJun 02, 2020 / 01:11 am

Madhusudan Sharma

बढ़ती गर्मी के साथ गहराया जल संकट

साहवा. गर्मी के चढ़ते तेवर से बढ़ती पाने के पानी की मांग को ध्यान में रखते हुए साहवा क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था सुधारने में लगे जलदाय विभाग ने साहवा से जुड़ी ढाणियों, राधेश्याम मन्दिर तथा साहवा ललानियां की मुख्य पेयजल पाइप लाइन से 11 अवैध कनेक्शन हटा दिए। अधिक्षण अभियन्ता तारानगर ने बताया कि साहवा सहित आसपास के गांवों में इन दिनों पेयजल सप्लाई के दौरान कम पे्रशर के चलते कई मोहल्लों व ढाणियों आदि में पीने का पानी नहीं पहुंचने या कम पहुंचने की शिकायतें मिल रही थीं जिस पर रविवार को कार्रवाई करते हुए साहवा से जुड़ी थिरपाली जोहड़ी की पाइप लाइन से शंकरलाल, मालाराम, लीलाधर, सांवरमल, गायत्रीदेवी, निरंजन, रूपसिंह, गोमदाराम आदि 8 लोगों के घोटड़ा पट्टा लाईन से राधेश्याम मन्दिर के पास सोहनलाल व भादरा राम दोनों सगे भाईयों के तथा ललानियां साहवा की मुख्य पाइप लाइन से वीरसिंह पुत्र लालचन्द सैनी निवासी साहवा के अवैध कनेक्शनों को हटाया जा चुका है। अवैध कनेक्शन हटाने गई टीम के सहायक अभियन्ता विश्राम सैनी, कनिष्ठ अभियन्ता राजेन्द्रकुमार बागोरिया, जयप्रकास व मदनलाल आदि ने बताया कि यह सब लोग मौके पर संबंधित लाइनों से स्थाई रूप से अवैध कनेक्शन जोड़ कर उसके पानी से सिंचाई कर रहे थे। तारानगर के एक्सईएन रामनिवास ने बताया कि साहवा कस्बे सहित कई जगहों पर लोगों की ओर से पेयजल सप्लाई की लाइनों से अवैध कनेक्शन कर अपने खेतों , बाड़ों व घरों में बाड़ी आदि लगाकर सिंचाई करने की शिकायतें मिल रही हैं जिस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। पीने के पानी का दुरुपयोग करते पाए जाने पर उनका कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी हो सकती है।
अनेक ढ़ाणियों के लोग मीठे पानी से दूर
सुजानगढ़. क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रो की अनेक ढ़ाणियों के लोग मीठे पानी से दूर हंै। बालेरा सरपंच सुरेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि हेमासर आथूणा के नाडिया में सैकड़ों ढ़ाणियां अपाणी योजना से जुड़ी हैं लेकिन पानी नहीं पहुंच रहा है। समस्या के समाधान का आश्वासन 6 माह पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल ने दिया था लेकिन उनकी घोषणा केवल घोषणा ही साबित हुई। मगरासर-कानूता योजना में 5 नलकूप हैं लेकिन अभी दो ही नलकूप चालू होने से पेयजल संकट है। सरपंच भगवती बीरड़ा ने बताया कि जलदाय विभाग अधिकारियों को अनेक बार अवगत कराया गया लेकिन सुधार नहीं हुआ। मारोठिया, बिलंगा गांवों में पानी का संकट है। उधर, सुजानगढ़ शहर में अवैध कनेक्शनों के कारण पानी की बर्बादी हो रही है। अनेक उपभोक्ताओं ने घर के कनेक्शनों में टूटियां नहीं लगाई हैं, इस कारण पानी बहकर रास्तों में कीचड़ का रूप ले रहा है। आपणी योजना के अधिकारियों ने अवैध कनेक्शनों के कारण दो गांवों की पानी आपूर्ति रोक रखी है। इससे भी ग्रामीण इसलिए नाखुश हैं कि कुछ ग्रामीणों की कारस्तानी का दंड शेष ग्रामीण क्यों भुगतें?
बूंद-बूंद पानी को तरसे लाडनूं के वासी
लाडनूं. पिछले लंबे समय से पेयजल की समस्या बनी हुई है। जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन को भी समस्या से अवगत करवाया लेकिन किसी तरह का सुधार नहीं है। यहां निकटवर्ती सुजानगढ एवं छापर कस्बे को भी लाडनूं से पेयजल की सप्लाई दी जाती है। शहरी क्षेत्र के सदर बाजार, सब्जी मंडी, कालाजी का चौक, जेवीबी रोड, जाटों का बास, कुम्हारों का बास, बस स्टैण्ड, पट्टीयां क्षेत्र आदि में पानी समस्या लंबे समय से बनी हुई है। जगह-जगह से पाईप लाईन भी लीकेज है, इसकी सूचना भी जलदाय विभाग को दी गई है लेकिन सुधार नहीं हुआ। लापरवाही के चलते लोगों को दोहरा नुकसान उठाया पड़ रहा है लोग एक तरफ जलदाय विभाग का बिल भुगतान करते हैं वहीं पानी के टैंकर मंगाकर काम चला रहे हैं। पानी के इन टैंकरों की कीमत तीन सौ से सात सौ रुपए तक चुकाई जा रही है।
शहरी क्षेत्र में पेयजल की समस्या
जलदाय विभाग के सहायक अभियंता का कहना है कि लाडनूं शहरी क्षेत्र में पेयजल की समस्या है लेकिन जैन विश्व भारती पानी की टंकी शुरू हो जाने से समाधान हो जाएगा। वास्तविकता यह है कि लाडनूं शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में डेढ साल पहले प्रचूर मात्रा में नहरी पानी भी आ चुका है बावजूद इसके पेयजल की समस्या बने रहना जलदाय विभाग की मनमर्जी और लापरवाही का ही परिणाम है।

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