चुरूPublished: Jul 30, 2021 12:05:46 pm
Madhusudan Sharma
कातर छोटी क्षेत्र के गांव सडू छोटी में जलसंकट के चलते ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों में बताया कि अगुणी बास में पानी की किल्लत है।
घरों में नहीं आता पानी, महंगे दाम देकर मंगवाते हैं टैंकर
कातर. कातर छोटी क्षेत्र के गांव सडू छोटी में जलसंकट के चलते ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों में बताया कि अगुणी बास में पानी की किल्लत है। 20-25 दिनों से आपणी योजना से सप्लाई बंद पड़ी है। जलदाय विभाग के ट्यूबेल के पानी की सप्लाई पिछले 40-45 दिनों से नहीं हुई। ग्रामीणों ने बताया कि पानी सप्लाई के समय सही तरीके से वॉल नहीं घुमाने से ऊंचाई पर स्थित बस्तियों में पानी नहीं पहुंच पाता। सीनियर स्कूल के पास पाइप लाइन में लीकेज के कारण पानी व्यर्थ बह कर मुख्य ग्वाड़ में भर रहा है। ग्रामीणों ने बताया की पानी की किल्लत के चलते ग्रामीणों को महंगे दामों में टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। ग्राम पंचायत सडू (बीदासर) सरपंच जितूसिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले घरों में कनेक्शनों का कार्य चल रहा था इस कारण कुछ दिन पहले नहर का पानी बन्द था, ऐसा में समस्या हो गई होगी। लेकिन इस तरह की कोई समस्या लेकर कोई नहीं आया। आपणी योजना के अधिशाषी अभियंता रामवतार ने बताया कि हमारा काम केवल विटीसी पॉइंट तक पानी पहुंचाना है आगे का काम पीएचईडी का है तीन चार दिन पहले पीछे से नहर के पानी आने में कुछ दिक्कत जरूर आई थी, लेकिन एक महीने से पानी की किल्लत वाली कोई बात नहीं है। जलदाय विभाग, सुजानगढ़ के अधिशाषी अभियंता कैलाशचंद ने बताया कि अभी हमारे पास इस तरफ की कोई सूचना नहीं है फिर भी कर्मचारियों से जानकारी लेकर समस्या का समाधान का प्रयास किया जाएगा।
पेयजल स्रोतों की नहीं हो रही सफाई
सुजानगढ़. जलदाय विभाग व आपणी योजना के अधिकारी पेयजल के भण्डारण स्त्रोत होद व टंकी की साफ-सफाई नियमित कराने को लेकर गम्भीर नहीं है। कई-कई ऐसे पेयजल स्त्रोत है जिनकी सफाई कई वर्षोंसे नहीं हुई है। जबकि 6 माह में एक बार इनकी नियमित सफाई करवाने का विभाग ने नियम तय कर रखा है। सारोठिया गांव के मेघवाल मौहल्ले में ऐसा हौद है, जिस पर 14 फरवरी 2019 की सफाई तिथि अंकित है। इस हौद की ढ़ाई साल बाद भी सफाई नहीं हुई है। मौहल्लेवासी राजूराम मेघवाल व पूर्व सरपंच रामकरण जाखड़ ने बताया कि 14 फरवरी 19 की तिथि जो अंकित है, उस दिन भी हकीकत में सफाई नहीं की गई, संवेदक ने महज दिनांक ही अंकित थी। अब तक ग्रामीणों को दूषित पानी मिल रहा है।