अहमदाबाद। गुजरात का 600 साल पुराना ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद अब वर्ल्ड हैरिटेज सिटी बन गया है। सात सालों से जारी मेहनत आखिरकार शनिवार को रंग लाई। पोलेन्ड के क्रेको शहर में जारी वर्ल्ड हैरिटेज कमेटी की 41वीं बैठक में अहमदाबाद को वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा प्रदान किया गया। इसी के साथ यह देश का पहला वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा प्राप्त शहर बन गया है।
इस शहर की स्थापना वर्ष 1411 में तत्कालीन मुगल शासक अहमद शाह बादशाह की ओर से की गई थी। पूर्व में इसे आशावल के नाम से भी जाना जाता था। शहर में 29 ऐतिहासिक महत्व स्मारक हैं। इन्हें एएसआई की ओर से संरक्षित घोषित किया गया है। वहीं 10 ऐतिहासिक दरवाजे भी हैं।
अहमदाबाद को वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने के लिए वर्ष 2010 में तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी ने शुरुआत की थी। महानगर पालिका द्वारा करीब 7 साल पहले 31 मार्च 2011 को यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज सेंटर में शहर को सांस्कृतिक शहरों की श्रेणी में वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा प्रदान करने के लिए आवेदन किया था।
ओटले, पोल और गलियां हैं पहचान
आवेदन में परकोटा क्षेत्र में बने ओटले (चबूतरे), पोल व उनकी गलियां, पोलों में रहने वाले लोगों के रहन सहन को शामिल किया गया था। लकड़ी व स्थानीय ईंटों से तैयार किए गए पोल के मकान अपनी बनावट और नक्काशी के लिए अनूठी पहचान रखते हैं। इन पोलों के मकान के आंगन की खासियत यह है कि वह वातावरण को नियंत्रित रखने में मददगार साबित होता है।
20 देशों ने किया समर्थन
भारत के अहमदाबाद को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी बनाने के लिए दुनिया के 20 देशों ने समर्थन दिया। जिन देशों ने अहमदाबाद का समर्थन किया उनमें तुर्की, लेबनान, पेरू, ट्यूनेशिया, पुर्तगाल, कजाकिस्तान, वियतनाम, फिनलैंड, अजरबैजान, जमैका, क्रोएशिया, जिम्बाब्वे, तंजानिया, दक्षिण कोरिया, अंगोलम, क्यूबाद और पोलैंड आदि शामिल हैं।
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