मोदी सरकार शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी) और रियल एस्टेट से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी
नई दिल्ली। मोदी सरकार शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी) और रियल एस्टेट से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी। अगले सप्ताह के लिए प्रस्तावित विधायी एवं वित्तीय कार्यों के दोनों सदनों में मूल्य वृद्धि पर चर्चा जिसमें राज्य सभा में देश में अनाज समेत आवश्यक जिंसों के बढ़ते दामों पर चर्चा पर विशेष जोर रहेगा। देश में बढ़ती असहिष्णुता से एकता और विविधता के खतरे के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। लोकसभा में 6 विधेयक पारित हो चुके हैं और इतने ही पेश किए गए हैं जबकि राज्य सभा में सिर्फ एक विधेयक पारित हुआ है। संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि लोक सभा द्वारा पारित 10 विधेयकों को अभी राज्य सभा में आगे बढ़ाया जाना है।
लोकसभा में सरकार ने अगले सप्ताह 9 विधायी और एक वित्तीय मुद्दे को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इनमें से 7 के लिए समय आवंटित किया गया है। राज्य सभा के लिए अगले सप्ताह काफी कामकाज है। राज्यसभा की कार्यसूची में 16 मुद्दे है जिन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। इस सप्ताह हंगामे और जबरन कामकाज स्थगित होने से राज्यसभा कामकाज निपटाने में लोकसभा से पीछे रह गई।
राज्यसभा में जी.एस.टी. विधेयक को पारित कराने के लिए 4 घंटे का समय दिया गया है जबकि रियल एस्टेट विधेयक के लिए 3 घंटे और भ्रष्टाचार रोधी पहल वाले व्हिसिलफ्लोअर विधेयक पर चर्चा के लिए 2 घंटे का समय नियत किया गया है।