गिरफ्तार कार्यकर्ताओं में 125 महिलाएं भी शामिल
पेयजल आपूर्ति का काम विदेशी कम्पनी को देने का भी विरोध – नगर निगम सीमा में सम्पति कर में 100 गुनी बढ़ोतरी और पेयजल आपूर्ति का काम एक विदेशी कम्पनी को देने के विरोध में विपक्षी दलों ने दक्षिण ताल्लुक कार्यालय के सामने गुरुवार को एकजुट प्रदर्शन किया।
कोयंबटूर•Oct 11, 2019 / 12:48 pm•
Dilip
गिरफ्तार कार्यकर्ताओं में 125 महिलाएं भी शामिल
कोयम्बत्तूर. Coimbatore नगर निगम सीमा में सम्पति कर में 100 गुनी बढ़ोतरी और water supply पेयजल आपूर्ति का काम एक विदेशी कम्पनी को देने के विरोध में विपक्षी दलों ने दक्षिण ताल्लुक कार्यालय के सामने गुरुवार को एकजुट प्रदर्शन किया।
इस दौरान पुलिस ने विभिन्न दलों के 600 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इनमें 125 महिलाएं भी शामिल थीं।
विपक्ष दलों का सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस काफी समय से सम्पति कर में बढ़ोतरी वापस लेने और विदेशी कम्पनी के ठेके को रद्द करने की मांग कर रहा है। गुरुवार को इसी सिलसिले में द्रविड़ मुनेत्र कषगम, कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित विभिन्न राजनातिक पार्टियों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में काली शर्ट पहने प्रदर्शन के लिए पहुंचे। हालांकि पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी मगर कार्यकर्ता हाथों में अपनी मांग लिखी तख्तियां लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए वहां पहुंच गए। कार्यकर्ताओं की समझाइश में पुलिस अधिकारियों के पसीने छूटने लगे।
सरकार को कर्मचारियों पर भरोसा नहीं
डीएमके विधायक एन कार्तिक और माकपा सांसद पी आर नटराजन ने कहा कि नगर निगम ने शहर में जल वितरण का काम २६ साल के लिए फ्रेंच कम्पनी स्वेज प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया है। यह शर्म की बात है कि एक विदेशी कम्पनी हमारे लिए पीने के पानी का इंतजाम कर रही है। सरकार को हमारे कर्मचारियों व व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।
विधायक ने बताया कि कोवई पावर ड्रिवेन पंप्स व स्पेयर मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन सहित कई संगठन सम्पति कर में दोगुनी वृद्धि से परेशान हैं। करीब ७० फीसदी मोटर व पम्प सेट इकाइयां किराए के भवनों में चल रही हैं। उनकी आशंका भी जायज है कि संपति कर में भारी बढ़ोतरी से भवन मालिक किराया बढ़ा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि सम्पत्ति कर बढ़ाने के विरोध में पहले विपक्ष ने 27 सितम्बर को कोयम्बत्तूर बंद का आह्वान किया था। लेकिन २५ सितम्बर को अधिवक्ता दिनेश कुमार की याचिका पर मद्रास उच्च न्यायालय ने बंद पर रोक लगा दी थी। वादी ने तर्क दिया कि सम्पत्ति कर में वृद्धि की न्यायालय ने पुष्टि कर दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में हड़ताल को असंवैधानिक बताया है।
अदालत के आदेश के बाद हालांकि MLA विधायक कार्तिक ने कहा था कि बंद पर अदालत के प्रतिबंध के आदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा। पार्टी किसी को भी अपनी दुकान बंद करने के लिए नहीं कहेगी। अगर लोगों ने स्वत: ही अपनी दुकान बंद रखी तो पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। बाद में 28 सितम्बर को विपक्ष की बैठक में तय किया गया कि जनता सम्पति कर में वृद्धि के खिलाफ है। वह विपक्ष के आंदोलन में साथ देने को तैयार है। इसलिए 10 अक्टूबर को डीएमके गठबंधन के नेता, कार्यकर्ता काली रंग की शर्ट पहन कर हाथों में काले झंडे लेकर प्रदर्शन करेंगे।